Bikaner news: बीकानेर स्थापना दिवस का चार दिवसीय समारोह कला प्रदर्शनी के साथ शुरू हुआ. जिला प्रशासन द्वारा राव बीकाजी संस्था के तत्वावधान में महारानी सुदर्शना कला दीर्घा में यह प्रदर्शनी लगाई गई. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए.एच.गौरी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) पंकज शर्मा ने इसका उद्घाटन किया. इस अवसर पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ने कहा कि बीकानेर के कण-कण में कला और संस्कृति विद्यमान है. यहां की उस्ता और मथेरन कला के कलाकारों ने देश-दुनिया में बीकानेर का नाम रोशन किया है. प्रत्येक बीकानेरी यहां की कला और संस्कृति से रूबरू हो, इसके मद्देनजर यह प्रदर्शनी अत्यंत उपयोगी साबित होगी.


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अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने कहा कि बीकानेर की स्थापत्य कला अति विशिष्ट है. यहां के तीज-त्यौहार, मेले-उत्सव यहां की संस्कृति को अधिक समृद्ध बनाते हैं. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग इसका अवलोकन करें. इससे पहले अतिथियों ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. प्रदर्शनी में उस्ता, मथेरन, बागबाड़ी, पाना आदि कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं. वहीं जूनागढ़, लालगढ़ की हवेलियां, हिंदू और जैन मंदिर सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों से जुड़े अजीज भुट्टा के सौ चित्र प्रदर्शित किए गए. इस दौरान बीकानेर की ''उस्ता एवं मथेरन कला की दशा-दिशा'' विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई. उस्ता कला पर चित्रकार डॉ. मोना सरदार डूडी एवं मथेरन कला पर डॉ. राकेश किराडू ने विचार व्यक्त किए. अजीज भुट्टा ने स्वागत उद्बोधन दिया.


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संस्थान अध्यक्ष और कार्यक्रम प्रभारी डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा ने संस्था से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी दी. सह प्रभारी डॉ. मो.फारुख चौहान ने आभार जताया. कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया. उन्होंने बीकानेर के इतिहास, यहां की परंपराओं के बारे में बताया. प्रदर्शनी में लालचंद महात्मा, चंद्रप्रकाश महात्मा, लीलादेवी, वंदना, शौकत अली उस्ता, सैफ अली उस्ता सहित अन्य कलाकारों की कलाकृतियां प्रस्तुत की गई. प्रदर्शनी शुक्रवार तक प्रातः 10 से 8 बजे तक आमजन के अवलोकनार्थ खुली रहेगी.


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