Bikaner: राजस्थान के बीकानेर की सक्रिय राजनीति में बड़ा चेहरा और राजस्थान सरकार में रहे पूर्व संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर एक्शन में नजर आ रहे हैं, जहां कन्हैयालाल झंवर ने बीकानेर पूर्व इलाके की जनसमस्याओं को लेकर आंदोलन की चेतावनी दे दी है. ऐसे में अपने निवास पर एक प्रेस वार्ता करते हुए झंवर ने बीकानेर के प्रशासन, नगर निगम और यूआईटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


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झंवर ने प्रेस वार्ता करते हुए बीकानेर के कई बड़े ज्वलंत मुद्दों पर सड़क पर उतरने और आंदोलन की चेतावनी तक दी है. ऐसे में झंवर ने कहा कि शहर में लोगों के आसियाने उजाड़ने की तैयारी की जा रही वो इसे बर्दाश्त नही करेंगे तो वही मुख्यमंत्री लोगों को बसाना चाहते है तो वही प्रशासन शहरों के संग अभियान के पट्टे भी नहीं बन रहे हैं. कॉलोनियों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. हालांकि शहर में सड़कों को लेकर 10 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री ने दिए है, लेकिन इन सब के बीच ऐसे कई मुद्दे है, जिन्हें प्रशासन मान के वरना आंदोलन करूंगा. 


झंवर ने कहा कि बीकानेर पूर्व से जब से चुनाव लड़ा हूं तब से सक्रिय हूं. नगर निगम चुनाव में मैंने पूरा यहां रोल अदा किया. मैं चाहता यह था कांग्रेस का नगर निगम बने लेकिन किसी कारणवश नहीं बन सका, 2 सीटें कम रह गई अब जनता का मुद्दा लेकर आया हूं एक मुद्दा तो ये है कि कृषि भूमि नियमन नहीं हो रहा है. दूसरा मुद्दा है पीने के पानी की व्यवस्था. 


तीसरा मुद्दा है, जो कब्जा हटाने के लिए निशान लगाए हैं, 6 महीने पहले वह लगाए थे, अब दुबारा लगा दिए है, जब गरीब आदमी का आशियाना उड़ता है, तो बड़ी पीड़ा होती है. नोखा नगरपालिका का चेयरमेंन मेरा बेटा है और हमने किसी को नहीं उजड़ा आज तक क्योंकि गरीब हाय लोहा भस्म हो जाए, इस नीति पर चला हूं. माननीय मुख्यमंत्री भी यही कह रहे हैं, किसी गरीब को हटाया नहीं जाए जाए और अगर किसी को हटाना है, तो उसकी वैकल्पिक व्यवस्था करों पट्टे दो.


पहले तो प्रशासन से बात करूंगा आज प्रेस वार्ता की है, आप लोगों के द्वारा जब खबर जब मिल जाएगा, उसके बाद मांगें नहीं मानी तो आंदोलन करेंगे. बता दें कि कन्हैया लाल झंवर बीकानेर की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं. नोखा से विधायक रह चुके झंवर ने पिछला चुनाव बीकानेर पूर्व से सिद्धि कुमारी के सामने लड़ा ओर बड़ी टक्कर दी थी. वही, समय-समय पर कई बड़े मुद्दो को लेकर सड़कों पर भी नजर आए हैं. ऐसे में इस बार प्रशासनिक सिस्टम के खिलाफ मोर्चा खोला है, लेकिन सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि जब प्रदेश में कोंग्रेस की सत्ता है और जिले में तीन बड़े मंत्री हैं. ऐसे में कांग्रेस नेता के आंदोलन की चेतावनी भी बड़े सवाल खड़े करती है कि क्या कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की भी नहीं सुनी जा रही है. 


Reporter - Rounak vyas


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