Churu: राजस्थान के चूरु में सांसद राहुल कस्वां (MP Rahul Kaswa) ने आज संसद में शून्यकाल के तहत ग्वार, मोठ और ग्वारपाठा (Aloe Vera) की फसल को MSP में शामिल करने का मुद्दा उठाया. सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि भारत में चूरू, नागौर, बीकानेर और हनुमानगढ़ जिले में ग्वार की सबसे ज्यादा पैदावार होती हैं और ग्वार से बनने वाले ग्वार गम की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही ज्यादा मांग रहती हैं. 


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इससे दवाई बनाने के साथ-साथ अमेरिका में जमीन से तेल निकलने के कार्य के लिए बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता हैं और इस फसल को लेने वाले अधिकतर किसान मेरे क्षेत्र से ही आते हैं.


हालांकि ऑफ सीजन में जब इसकी फसल पैदा नहीं होती उस समय इस फसल के भाव आसमान छूने लगते हैं. अभी हाल ही में ग्वार का भाव 15 हजार प्रति क्विंटल तक चला गया था लेकिन फसल निकलने के साथ ही इसकी कीमत अत्यंत ही कम हो जाती हैं, जो की लगभग 5000 और उससे भी कम हो जाता है. इसकी वजह से किसानों को अत्यंत नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.


इसके साथ-साथ मोठ भी एक मुख्य फसल हमारे क्षेत्र की हैं, जिसके भाव में भी अत्यंत उतार चढ़ाव का फायदा हमारे किसानों को नहीं मिल रहा हैं. हमारे क्षेत्र के किसानों द्वारा उन्नत किस्म का ग्वारपाठा भी पैदा किया जाता है और लगातार इसकी मांग बढ़ रही हैं. आज सबसे बड़ी समस्या यह आ रही हैं कि इन तीनों फसलों के लिए सरकार द्वारा MSP की घोषणा नहीं की जा रही हैं. इसकी वजह से क्षेत्र के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा हैं इसलिए इन फसलों की MSP में शामिल कर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाए.


Reporter- Manohor Vishnoi