राजस्थान की वो महिला IPS, जो गली-गली कर रही नुक्कड़ नाटक,जानें क्यों?
IPS Tejaswani Gautam News: राजस्थान की महिला लेडी IPS तेजस्वनी गौतम का नाम देश समेत प्रदेशभर में चर्चित है. वर्तमान में तेजस्वनी बीकानेर जिले में पोस्टेड हैं. महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा, नशे की आदत से मुक्ति और रिहैबिलिटेशन, यौन अपराध और ट्रैफिक रुल्स पर विशेष काम कर रही हैं.
IPS Tejaswani Gautam News: राजस्थान की महिला लेडी IPS तेजस्वनी गौतम अब ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. बता दें कि IPS तेजस्वनी गौतम अभी बीकानेर में अपनी सेवाएं दे रही हैं. इनका जन्म 16 जून 1989 को दिल्ली में हुआ था. पिता का नाम दिनेश कुमार गौतम और अनीता गौतम मां का नाम है. इन्होंने अपने कर्तव्यों के निर्वहन के साथ अपने सामाजिक दायित्वों को भी बाखूबी निभाया है.राजस्थान के बीकानेर शहर में पुलिस अधीक्षक के तौर पर तैनात तेजस्वनी गौतम एक दमदार पुलिस अधिकारी हैं. वहीं यूथ के लिए ऑइकॉन भी बन चुकी हैं.
इन चार थीम पर किया विशेष काम
जानकारी के अनुसार तेजस्वनी गौतम ने अपराध पर लगाम लगाने के लिए चार विशेष थीम पर काम किया है. जिसकी वजह से उनको एक अलग पहचान मिली है. बता दें कि IPS तेजस्वनी गौतम ने महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा, नशे की आदत से मुक्ति और रिहैबिलिटेशन, यौन अपराध और ट्रैफिक रुल्स पर विशेष काम किया है. लोगों को अवयेर किया है. इस दौरान कई बार गांव-गली और शहरों में नाटक करने के दौरान उन्हें चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है. लोगों के तंज सुनने पड़े हैं. लेकिन जब उनके बारे में लोगों को पता चलता था तो वो एक दम से शांत हो जाते थे.
ये था फैमली का बैकग्राउंड
तेजस्वनी के पिता दिनेश कुमार गौतम एक कंपनी में कंसलटेंट थे और मां अनीता गौतम गृहिणी होने के साथ गरीब बच्चों को म्यूजिक की फ्री क्लास दिया करती थीं.फैमली बैकग्राउंड सामान्य होने के चलते बचपन में ही तेजस्वनी को समझ आ गया था कि वह कोई चांदी की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुई हैं. इसलिए उनको भविष्य में जो भी करना है अपने ही बलबूते करना है.ओर वो निकल पड़ी अपनी मुकाम की ओर. जिसकी उनको तलाश थी.
लड़कियों व महिलाओं के लिए बंदिशें क्यों ?
लड़कियों और महिलाओं के लिए ही इतनी बंदिशें क्यों है ? इस सवाल ने तेजस्वनी को नई राह दिखाई.शायद इसी सवाल कि वजह से आज वो इस मुकाम में हैं. इसका जवाब आज भी वो खोज रही हैं. हर दिन समाज की बंदिशों से, बुराइयों से लड़ रही हैं. बेटियों को उनका हक मिल सके. सुरक्षा का माहौल मिल सके इसके लिए काम कर रही हैं, एक आईपीएस के तौर पर.पिता ने एक जवाब दिया कि अगर महिलाओं के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो फिर आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनकर तुम महिलाओं के लिए कुछ कर सकती हो .