Kolayat Success Story:  मन में अगर कुछ करने की प्रबल इच्छा हो तो उम्र भी मायने नहीं रखती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कोलायत के उम्रदाज खिलाड़ियों ने, हाल में आयोजित हुई राजस्थान मास्टर एथलेटिक चैंपियनशिप में दर्जनों पदक अपनी झोली में डाल कर लाए. आइए बताते हैं किन हालत और परेशानियों से यह जाबाज खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा करने की तैयारी कर रहें हैं. 


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"कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो" कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कोलायत के उन खिलाड़ियों ने जिनकी उम्र पोते पोतियां खिलाने की हो गई है. राजस्थान मास्टर एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में 51 पदक जीतकर इन्होंने कोलायत के साथ-साथ बीकानेर जिले का भी नाम रोशन किया है. कोलायत के इन खिलाड़ियों ने जो कभी युवा अवस्था में खेलने को सपना देखा करते थे. पारिवारिक परिस्थितियां विपरीत होने और संसाधनों के अभाव में इन सब की प्रतिभाएं दबी की दबी रह गई लेकिन मन में एक कसक थी कि जिंदगी जब भी कभी मौका देगी अपनी प्रतिभा जरूर दिखाएगें. उनके सपनों को पंख दिए कपिल मुनि नि:शुल्क स्पोर्ट्स एकादमी के कोच राम अवतार सेन ने मास्टर एथेलेटिक्स में खिला कर और नतीजा 21 पदक के रूप में आया. 


खिलाड़ियों ने जीते 51 पदक


बता दें कि गंगानगर में आयोजित हुई राजस्थान मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 उन खिलाड़ियों को प्रतिभागी बनाया गया. जो किसी ने किसी कारण से अपनी युवावस्था में अपने सपने पूरे नहीं कर सके. इस चैंपियनशिप में 35 से 100 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों ने भाग लिया. बीकानेर जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए कोलायत की टीम ने इस चैंपियनशिप में भाग लेकर 51 पदक लेकर प्रथम स्थान पर रही. इसी के साथ कोलायत टीम के 21 खिलाड़ियों का चयन नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हुआ जो आगामी दिनों में हरियाणा के पंचकुला में आयोजित होगी.


चैंपियनशिप मे अपार सफलता लेकर लौटे सभी खिलाड़ियों का ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों मालाओं से स्वागत किया.  क्रांति फाउंडेशन की ओर से सभी खिलाड़ियों और कोच का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया. कपिल मुनि नि:शुल्क स्पोर्ट्स एकेडमी कोलायत के 21 खिलाड़ियों को 51 पदक मिले हैं. जिनमें 14 गोल्ड मेडल ( स्वर्ण पदक ), 19 सिल्वर मेडल ( रजत पदक ) और 18 ब्रोंच मेडल ( कांस्य पदक ) शामिल हैं. 


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साथ ही कपिल मुनि नि: शुल्क स्पोर्ट्स एकेडमी कोर्स के राम अवतार सैनी कहते हैं कि गंगानगर में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं को लेकर मैंने यहां के उन खिलाड़ी से बात की जो कभी खेलने की चाह रखते थे. पिछले दो-तीन महीनों से इनको मोटिवेशन करके इनको दोबारा मैदान पर बुलाया गया. इनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज यह खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के दम पर राजस्थान की प्रथम टीम के रूप में उभरे हैं और साथ ही इनका चयन नेशनल के लिए हुआ है.


वहीं खिलाड़ी खिया राम सेन कहते हैं कि कभी विश्वास नहीं था कि हम भी वापस खेल के ट्रैक पर उतरेंगे कोच रामअवतार सेन ने हम सबको मोटिवेट करके दोबारा हमारे मन में इच्छा जागृत करते हुए विश्वास दिलाया की हम भी कुछ कर सकते हैं. हालांकि उनके मन में टीस भी है कि कोलायत में खिलाड़ी की सुविधा के लिए स्टेडियम नहीं होने कारण भी कई प्रतिभाएं अपना दम शुरू होने से पहले ही तोड़ देती है.


Reporter: Tribhuwan Ranga