खाजूवाला: पशुओं में फैलने वाली बीमारी को लेकर पशुपालन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन
कार्यशाला में पहुचें पशु पालकों ने पशुपालन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस गंभीर बीमारी के चलते भी पशु चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के लिए भी दवाई उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
Khajuwala: राजस्थान के खाजूवाला क्षेत्र में पशुओं में फैली लंपी स्किन डिजीज बीमारी के बाद आखिरकार पशुपालन विभाग ने पंचायत समिति सभागार में पशुपालकों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला में पहुंचे पशुपालकों के द्वारा अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई.
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कार्यशाला में पहुचें पशु पालकों ने पशुपालन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस गंभीर बीमारी के चलते भी पशु चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के लिए भी दवाई उपलब्ध नहीं हो पा रही है. सभी पशु पालकों ने एक राय होकर तुरंत प्रभाव से दवाई उपलब्ध कराने की मांग रखी.
इस दौरान नोडल प्रभारी और पशु चिकित्सक डॉ. हनुमानराम चौधरी ने कहा कि उच्च अधिकारियों से वार्ता कर जल्द ही प्राथमिक उपचार की दवाई उपलब्ध करवाई जाएगी. कार्यशाला की शुरुआत में भी सैकड़ों पशुपालकों ने पशुपालन विभाग के चिकित्सक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 2 महीने से लंपी स्किन डिजीज नामक बीमारी चलने के बावजूद पशु चिकित्सकों के द्वारा लापरवाही क्यों बरती गई.
ऐसी स्थिति में प्राथमिक उपचार की दवाई क्यों नहीं उपलब्ध करवाई गई, जबकि पूरे क्षेत्र में यह गंभीर बीमारी फैल चुकी है और रोजाना सैकड़ों गायों कि मौत हो रही है. कार्यशाला में एसडीएम के नहीं पहुंचने का भी पशुपालकों ने आरोप लगाया. पशुपालकों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है जिसके चलते क्षेत्र में लगातार सैकड़ों पशु मौत के मुंह में जा रहे हैं, पिछले 3 दिनों से लगातार मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद खाजूवाला एसडीएम ने कार्यशाला करने को लेकर निर्देश दिए.
कार्यशाला में मौजूद सैकड़ों पशुपालकों ने चिकित्सक से गुहार लगाते हुए कहा कि प्लीज हमारी गायों को बचा लो, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग राज्य सरकार के पास बजट नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ते रहे. पशु चिकित्सक ने कहा कि लगातार डिमांड भेजी जा रही है लेकिन डिमांड के अनुसार दवाई उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिसके चलते क्षेत्र में इस घातक बीमारी से बीमार गायों का प्राथमिक उपचार करना भी मुश्किल हो रहा है. वहीं पशुपालक सुरेन्द्र डेलू के द्वारा मेडिसिन की 500 किट भी उपलब्ध करवाई गई.
Reporter: Tribhuvan Ranga