Bikaner: इन दिनों बीकानेर का नगर निगम राजनीति का अखाड़ा बन गया है. बीकानेर के विधायक और मंत्री बीडी कल्ला और शहर की मेयर सुशीला कंवर राजपुरोहित नगर निगम आयुक्त को हटाने की बात को लेकर अब आमने-सामने उतर आए हैं. दोनों ही अब एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे है, तो वहीं भाजपा और कांग्रेस के पार्षद भी आयुक्त के खिलाफ सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं. ऐसे में इन दोनो आयुक्त को हटाने के मुद्दे को लेकर शहर में राजनीति गर्मा गयी है. 


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बीकानेर में मंत्री और मेयर की टकरार, एक दूसरे पर साध रहे जमकर निशाना
एक अधिकारी को हटाने को लेकर मंत्री और मेयर की टकरार अब इतनी बढ़ गयी है की अब दोनों एक दूसरे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. बीकानेर का नगर निगम मानों राजनीतिक अखाड़ा बन गया है. एक तरफ जहां बीकानेर की मेयर आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े कर रही है तो वहीं दूसरी तरह मंत्री बीडी कल्ला आयुक्त के आने के बाद निगम में भ्रष्टाचार पर लगाम लगने की बात कर रहे हैं. ऐसे में अब मंत्री और मेयर की आपसी टकरार ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा ओर बहस शुरू कर दी है.


बीकानेर की मेयर सुशीला कंवर ने दो दिन पहले सर्किट हाउस में इस पूरे मामले पर प्रेस वार्ता करते हुए निगम आयुक्त और मंत्री बीडी कल्ला के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते हुए कई गम्भीर आरोप निगम आयुक्त पर लगाए और शहर के विकास में रुकावट की बात करते हुए निगम में हो रहे भ्रष्टाचार की बात की तो वहीं मंत्री बीडी कल्ला का आयुक्त को संरक्षण देने को लेकर मंत्री पर जमकर निशाना साधा. वहीं दूसरी तरह मंत्री बीडी कल्ला ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद बयान देते हुए आयुक्त की कार्यप्रणाली की तारीफ करते हुए कहा की आप देखिए जिस अधिकारी के आने के बाद निगम में व्यवस्थाओं को कंट्रोल किया है निगम में भ्रष्टाचार हो रहे थे. उसे रोका है ऐसे में आपको उसकी तारीफ करनी चाहिए मैं मेयर के बराबर नहीं हो सकता मेरा राजनीतिक करियर लम्बा है.


वहीं इन सब के बीच मंत्री कल्ला की कांग्रेस पार्टी के पार्षद खुद निगम आयुक्त के खिलाफ सड़को पर उतर आए ओर गांधी पार्क के आगे निगम आयुक्त के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आयुक्त को हटाने की मांग करते हुए आयुक्त द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने और मनमानी करने के आरोप लगा डाले, तो वहीं दूसरी तरह आयुक्त को हटाने की मांग को लेकर मंत्री कल्ला से मिलने पहुंचे कांग्रेस के पार्षद के दल के साथ कल्ला के निवास पर कांग्रेस नेता द्वारा दुर्व्यवहार की खबरें भी सामने आयी जिसे कल्ला के बीच बचाव के बाद शांत करवाया गया.


साथ ही अब हम आपको समझाते है आखिर ये पूरा विवाद कब और कैसे शुरू हुआ दरअसल ये सच है की बीकानेर के नगर निगम में पिछले तीन साल में एक दर्जन से ज़्यादा आयुक्त पद पर अधिकारियों के तबादले हो चुके हैं, जिसको लेकर मेयर और मंत्री के बीच में विवाद चल रहा है. मेयर मंत्री कल्ला पर निगम में भाजपा के बोर्ड बनने के बाद इस तरह लगातार नए अधिकारी बदलने का विरोध कर रही है तो वहीं कल्ला इसको लेकर ये खुलकर कहते नजर आ रहे हैं. निगम से उनका कोई लेना देना नहीं है.


आपको बता दें कि पुरी घटना को राजनीतिक नजरिए से देखे तो प्रदेश सरकार में कांग्रेस की सत्ता होने के बावजूद भाजपा का बीकानेर में बोर्ड बन गया तो वहीं प्रदेश में मंत्री होने के बाद भी बीडी कल्ला की नगर निगम में चल नहीं रही थी. वहीं इससे पहले कई अधिकारियों को बदला गया, लेकिन फिर भी कोई भी काम नहीं हो पा रहा था, लेकिन आयुक्त गोपालराम बिरदा के आने के बाद मंत्री के डायरेक्ट हस्तछेप की बात सामने आयी. 


वहीं मेयर के परिवार और कल्ला के बीच अच्छे सम्बंध होने के बावजूद मेयर कल्ला पर लगातार आरोप लगाती रही तो कल्ला ने आयुक्त को लगाए रखे के लिए जोर लगाए रखा, लेकिन अब ये पूरा मामला कांग्रेसी पार्षदों के आयुक्त के विरोध के बाद और अधिक गर्मा गया है, जिसका असर आने वाले चुनावों में भी देखने मिल सकता है क्योंकि एक तरफ बीडी कल्ला जैसे अनुभवी ओर बड़े कद्दावर नेता है तो वहीं दूसरी तरह मेयर के ससुर और भाजपा के बड़े नेता गुमानसिंह राजपुरोहित है. फिलहाल दोनों एक दूसरे पर जमकर राजनीतिक बयानबाजी करते हुए निशाना साध रहे हैं तो वहीं मेयर ने साथ दिन में आयुक्त को हटाने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर शहर में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.


Reporter: Raunak Vyas


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