Rajasthan- संचार साथी से चंद मिनटों में गुम हुए मोबाइल को ढूंढना हुआ अब आसान, ऐसे करे ट्रेस
Rajasthan News मोबाइल चोरी या गुम होने पर उसे संचार साथी के जरिए जल्द ही खोज निकालेंगे. बस इसके लिए आपको इन छोटे स्टेप्स को करना होगा फॉलो. तो चलिए जानते है इन स्टेप्स को जिसके जरिए आप अपने चोरी हुए मोबाइल को ढ़ढ सकते है.
Rajasthan News: जब भी हमारा मोबाइल चोरी या गुम होता है तो हम काफी परेशान होते है,क्योंकि उसमें हमारा कई सालों का डाटा भी निकल जाता है. जिसमें हमारी फोटोज से लेकर हमारे कुछ जरूर दस्तावेंज भी शामिल होते है. ऐसे में मोबाइल को जल्द खोज निकालने के लिए हम पुलिस से लेकर हर मुमकिन प्रयस करते जिससे जल्द से जल्द मोबाइल को पा सके. लेकिन अगर चोरी हुए मोबइल के ताजा आंकड़ों पर नजर डाले तो हर दिन हजारों मोबाइल गायब हो रहे है. ऐसे में पुलिस हर मोबाइल को अलग अलग कैसे ट्रैक करेंगी. इसी परेशानी से जूझते हुए और आम जनता की परेशानी से अवगत होते हुए केंद्र ने वर्ल्ड टेलिकॉम डे से एक दिन पहले मंगलवार यानी (16 मई) को टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया. संचार साथी पोर्टल की मदद से खोये, चोरी हुए मोबाइल को आइडेंटिटी वैरिफिकेशन कर कुछ समय में उसकी टैसिंग और ट्रैकिंग दोनों कर सकेंगे.
फोन को तुरंत करेगा ब्लॉक
पोर्टल को लेकर मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जैस बी आप इसपर मोबाइल खोने की जानकारी देंगे. तो इसके बाद यह कुछ आपसे आइडेंटिटी वैरिफिकेशन मांगेगी. उसके तुरंत होने के बाद ऑनलाइन टेलिकॉम ऑपरेटर और लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी के साथ यह उसे इंटरैक्ट करके यह पोर्टल फोन को तुरंत ब्लॉक कर देगा.
चालू सिम के बारे में भी बताएगा
इसके साथ ही यह पोर्टल यह भी चेक कर सकता है कि व्यकित के नाम पर कितने सिम चालू हैं. अगर आपको इसमें ऐसा कोई ऐसा नंबर दिखाई देता है जो आपने नहीं लिया है तो उसे भी ब्लॉक करा सकता हैं.
दिल्ली समेत राजस्थान में पूरे भारत में होगा रोलआउट
सेंटर फॉर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) अभी तक दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और नॉर्थ-ईस्ट रीजन के कुछ टेलिकॉम ऑफिस में इस सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट चला रहा था, जिसे अब राजस्थान सहित पूरे भारत में रोल आउट कर दिया गया है.
ऐसे करे ट्रेस
स्टेप-1
सबसे पहले संचार साथी की ऑफिशियल वेबसाइट https://sanchar saathi.gov.in/ पर जाएं.
स्टेप 2
•अब Block Stolen / Lost Mobile ऑप्शन पर
क्लिक करें.
स्टेप 3
अब वेबसाइट पर मांगी गई सारी जानकारी जैसे डिवाइस इंफॉर्मेशन लॉस्ट इंफॉर्मेशन, मोबाइल ओनर पर्सनल इंफॉर्मेशन भरनी है.
स्टेप 4: आइए जानते हैं कहां क्या-क्या जानकारी भरनी है...
(1) डिवाइस इंफॉर्मेशन
• मोबाइल नंबर
•IMEI नंबर
• डिवाइस ब्रांड
•डिवाइस मॉडल
• मोबाइल परचेजइनवॉइस
(2) लॉस्ट इंफॉर्मेशन
• डिवाइस गुम / चोरी की जगह का नाम
• डिवाइस गुम / चोटी डेट
• स्टेट, जिला, पुलिस स्टेशन
पुलिस कंप्लेन नंबर
• पुलिस कंप्लेन कॉपी
(3) ओनर पर्सनल इंफॉर्मेशन
ओनर का नाम
• ओनर का एड्रेस
• ID प्रूफ की कॉपी अपलोड करें
• ईमेल आईडी
• मोबाइल नंबर
स्टेप 5
सभी जानकारी भरने के बाद सेल्फ डिक्लेरेशन
चेकबॉक्स में टिक करें और सबमिट बटन क्लिक करें.
स्टेप 6
अब आपके एप्लीकेशन / रिक्वेस्ट की एक ID दिखाई देगी, जिसे कहीं सेव कर लें. इसी 10 के जरिए आप अपनी टिक्वेस्ट का स्टेटस चेक कर सकेंगे.
मोबाइल की स्मगलिंग की भी करेगा जांच संचार साथी पोर्टल
C-DOT के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और चेयरमैन राजकुमार उपाध्याय ने न्यूज एजेंसी को बताया था कि सिस्टम में एक इन-बिल्ट मैकेनिज्म है जो मोबाइल की स्मगलिंग की जांच भी करेगा.
IMEI नंबर बदलने पर भी ट्रैक हो सकेगा फोन
संचार साथी से अब क्रिमिनल्स की शामत आनी तय है. वह ज्यादातर मोबाइल चोरी करने के बाद फोन का IMEI नंबर बदल देते हैं, जिसके कारण मोबाइल ट्रैक या ब्लॉक नहीं हो पाता था. राजकुमार उपाध्याय ने बताया कि ये पोर्टल IMEI नंबर बदलने के बाद भी डिवाइस को ट्रैक और ब्लॉक कर सकेगा.
8000 फोन अब बरामद हुए
संचार साथी पोर्टल के अनुसार, अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 4.81 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक किया जा चुका है. इसके साथ ही 2.43 लाख से अधिक मोबाइल को ट्रैक किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक इस पोर्टल की मदद से 8 हजार फोन बरामद किए जा चुके हैं.