बूंदी न्यूज: बूंदी के लाखेरी कस्बे में देर रात तक मातमी धुनों की गूंज रही.हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए अलग अलग जगहों से 40वें के ताजिए के जुलुस निकाले गये.कस्बे में जुलुस का सिलसिला देर रात तक बना रहा.इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन चाक चौबंद रहा.


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करबला के शहीद हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मुस्लिम समाज ने कस्बे के तीन अलग अलग जगहों से 49वें के ताजिए निकाले.मुख्य ताजिए के जुलुस की शुरूआत रविवार रात को गरमपुरा से हुई थी.रात में थोड़ी दूरी पर ताजिए निकालने के बाद उनको विराम दिया गया.इसके बाद सोमवार दोपहर बाद ताजिए के जुलूस निकालने का सिलसिला फिर से शुरू हुआ.



ताजिए के जुलूस की शुरूआत चार बजे हुई


गरमपुरा जामा मस्जिद से ताजिए के जुलूस की शुरूआत चार बजे हुई.जुलुस में बाहर से आए अखाड़ों के उस्तादों की दस्तारबंदी के बाद जुलुस आगे बढ़ा.जुलुस नयापुरा चुंगी नाका बाटम लेवल होता हुआ रामधन चौराहे तक पहुंचा.जुलुस मे कलाकारों ने हैरत अंगेज करतबों का प्रदर्शन किया.इस दौरान समाज के लोगों ने इमाम हुसैन की शहादत के मायने समझाते हुए लोगों को नेक रस्ते पर चलने की नसीहत दी.


इसी तरह कस्बे के विजय गेट ओर गांधी पुरा से भी ताजिए का जुलुस रवाना हुआ.बाद में सभी जुलुस चुंगी नाका पर पहुंचने के बाद एक ही जुलुस मे बदल गये.इस दौरान आसपास के थाना क्षेत्र से सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया.जुलुस को देखते हुए कस्बे मे ट्रैफिक डायवर्ट रहा.जुलूस के रास्ते मे लोगों ने अल्पहार और शर्बत की छबीले लगाई.देर रात साढ़े दस बजे रामधन चौराहे पर पहुंच कर जुलूस समाप्त हुआ. इसके बाद ताजिए को ठंडा करने के लिए उनको नदी की ओर ले जाया गया.


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