Kapasan: शनिदेव के मंदिर के दान पात्र से निकले 24 लाख 77 हजार 570 की राशि, चिल्लर की गिनती करना बाकी
कपासन के मेवाड़ के प्रसिद्ध शनि महाराज के मंदिर चौवदस शुक्रवार के रोज शनिदेव की पूजा अर्चना कर शनिदेव का दान पत्र खोला गया जिसमें 24 लाख 77 हजार 570 रूपये की राशि रुपए की गणना की गई.
Chittorgarh: कपासन के मेवाड़ के प्रसिद्ध शनि महाराज के मंदिर चौवदस शुक्रवार के रोज शनिदेव की पूजा अर्चना कर शनिदेव का दान पत्र खोला गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार मंदिर कमेटी के अध्यक्ष छगनलाल गुर्जर ने बताया कि की शनिदेव की पूजा अर्चना कर शनिदेव का दान पत्र खोला गया जिसमें 24 लाख 77 हजार 570 रूपये की राशि रुपए की गणना की गई, जबकि छोटे सिखों की गिनती करना बाकी है.
शनि देव का भंडार खोला गया
इस तीर्थ स्थल पर साल में एक बार शनि अमावस्या का दिन आता है जिसमें मुख्य मंदिर नवग्रह तेल गोंड आदि के भंडार खोल कर बैठ राशि निकाली गई. चिल्लर की गिनती रविवार के दिन की जाएगी प्रबंध कार्यकारिणी कमेटी के सचिव कालू सिंह उपाध्यक्ष सत्यनारायण जाट संरक्षक नरेंद्र पाल सिंह पवन सांखला गोपाल शर्मा संजय जोशी गोपाल सुथार रतन लाल सुथार भेरूलाल गाडरी भगवान लाल गाडरी मागीलाल कीर कालुलाल कीर मौजूदगी में शनि देव का भंडार खोला गया.
शनि महराज मंदिर, चित्तौडगढ़
शनि देव का यह मंदिर आली गांव में स्थित है, जिसे शनि महाराज के नाम से भी जाना जाता है. यह सांवलिया सेठ प्राकट्य स्थल मंदिर, भादसोड़ा चौराहा से 8 किलोमीटर दूर है. इसे चमत्कारी मंदिर भी कहा जाता है. यहां शनिदेव को चढ़ाया जाने वाला तेल एक प्राकृतिक कुंड में इक्ट्ठा होता है. इस तेल का उपयोग चर्म रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है. प्रचलित किवदंती के मुताबिक कई बार इस कुंड के तेल को व्यवसायिक उपयोग के लिए निकाला गया तो उसके चमत्कारी गुण समाप्त हो गए.
इस मंदिर में सबसे पहले पूजा-पाठ स्वर्गीय महाराज श्री रामगिरी जी रेबारी ने शुरू की थी. उनके परलोक गमन के बाद उनकी समाधि स्थल के लिए नींव खोदी जा रही थी. इस दौरान जमीन से तेल निकलने लगा जिसे कुंड के रूप में स्थापित किया गया. कुंड के बगल में समाधि स्थल बनाया गया.
Reporter-Deepak Vyas