Chittorgarh, Kapasan news: राज्य सरकार द्वारा 2 अक्टूबर को इंदिरा रसोई (Indira Rasoi) की योजना लागू की गई, जहां पर चितौडगढ़ के कपासन नगर में तीन जगह इंदिरा रसोई किए कैंटीन खोली गई. जहां राज्य सरकार द्वारा गरीब व्यक्तियों को ₹8 में भरपेट भोजन की योजना सरकार द्वारा चलाई गई. परंतु सरकार द्वारा ₹17 सब्सिडी दी जा रही है, जिसके कारण लोगों को को खाना राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराया कराया जा रहा है, जिससे गरीब लोगों को ताजा भोजन मिलता है. परंतु गरीब लोगों को राज़्य सरकार द्वारा चलाई गई. महत्वपूर्ण योजना इंद्रा रसोई गरीबों को अच्छा भोजन मिले, परंतु ठेकेदार द्वारा ऑनलाइन फर्जी टोकन काटकर मोबाइल पर खींचे हुए फोटो लगाकर फर्जी बिल उठाने का मामला देखने को मिला है.


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जबकि राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना इंदिरा रसोई में करीबन 20 से 25 ही लोग ही भोजन कर पाते हैं, परंतु ऑनलाइन में फर्जी बिल काटकर 382 लोगों के उपर ही अधिक बिल काटकर राज्य सरकार लाखों का चूना लगाने का का मामला सामने आया है.


जबकि वेदांता फाउंडेशन अजमेर के द्वारा इनको टेंडर हुआ है, जबकि कपासन दशहरा ग्राउंड में श्याम सुंदर सोमानी द्वारा इंदिरा रसोई नंबर 370 महीने में एक बार ही खुलती है, फिर भी श्यामसुंदर सोमानी ने पूर्व में भी करीबन 28 लाख का भुगतान फर्जी उठा लिया गया. परंतु राज्य सरकार को इंदिरा रसोई के नाम पर पर तीन कैंटीन आवंटन की गई.


 जिसमें 635 कपासन बस स्टैंड, 636 पुराना बस स्टैंड, वाह दशहरा ग्राउंड में 370 जिसमें गरीबों की थाली पर अमीरों का डाका अमीर व्यक्ति ऑनलाइन लाखों के फर्जी बिल उठाने में लगे हुए हैं. साथ ही मामले में कपासन नगरपालिका के कुछ कर्मचारी भी इस मामले में शमिल है. 


साथ ही राज्य सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना में इतनी बड़ी ऑनलाइन गड़बड़ियां मिलने के कारण माननीय जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल से इस मामले को लेकर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस मामले को अभी मैं दिखाता हूं. जबकि वहां के कर्मचारियों से जब मामले में बातचीत किए की गई तो कैंटीन मैनेजर से पूछा गया कि पड़े व्यक्ति कितना ग्राम आटे तो उन्होंने बताया कि पर व्यक्ति ढाई सौ ग्राम आटे का जबकि हमने पूछा गया है कि 300 व्यक्ति अगर खाना खाते हैं तो कितना किलो आटा लिया जाएगा. कितनी किलो दाल ली जाएगी. कितनी किलो हरी सब्जी ली जाएगी. परंतु कैंटीन मैनेजर इस मामले का जवाब देने में असमर्थ साबित हुए. इससे साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार के लाखों रुपए रुपए उठाए जा रहे हैं.


Reporter- Deepak Vyas


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