राजपूती रीति-रिवाजों से रशियन जोड़ा हुआ एक दूजे का, राजस्थान की संस्कृति से थे प्रभावित
चितौड़गढ़ में भारतीय संस्कृति से प्रभावित रशिया का एक दल में रशियन जोड़े ने राजपूती रिवाजों के साथ सात फेरे लेते हुए एक दूजे के हो गए. यह जोड़ा भारतीय रीति-रिवाजों के प्रति काफी आकर्षित रहे है.
Chittorgarh: भारतीय संस्कृति का प्रभाव देश ही नहीं विदेशों में भी फैला हुआ है. जिसके चलते दुनिया भर से कई जोड़े अपने विवाह की स्मृतियों को खास बनाने के लिए भारत के शहरों विशेषकर राजस्थान के उदयपुर, जोधपुर, जयपुर, चित्तौडगढ़, बीकानेर आदि शहरों में पहुंचकर भारतीय रीति रिवाजों के साथ शादी रचाते हैं.
इसी तरह भारतीय संस्कृति से प्रभावित रशिया का एक दल इन दिनों चित्तौडगढ़ भ्रमण पर आया हुआ है. जिसमें शामिल करीब एक दर्जन सदस्य भारतीय ध्यान और योग क्रियाओं, भारतीय संस्कृति के रीति रिवाजों को सीखने के लिए भारत आते रहते हैं.
इसी दल के साथ 31 अक्टूबर को चित्तौडगढ़ पहुंचे एरिना नामक युवती और इगोर नामक युवक ने अपना विवाह शनिवार शाम शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर कैसल विजयपुर होटल में अपने साथियों और स्थानीय लोगों की उपस्थिति में पूरे राजपूती रीति-रिवाजों के अनुसार सात फेरे लेकर किया.
इस अवसर पर बिजयपुर के पण्डित उदयलाल शर्मा ने वैदिक मंत्रों के साथ उनका विवाह सम्पन्न करवाया. विवाह समारोह के दौरान सर्वप्रथम पारंपरिक रूप से गणपति पूजा, रोड़ी पूजा, हल्दी रस्म, मेहंदी रस्म, बारात तोरण आदि के आयोजन किए गए.
इससे पूर्व अपनी शादी की तैयारियां राजपूती अंदाज में करते हुए इस जोड़े ने चित्तौडगढ़ के नगर पालिका कॉलोनी स्थित रॉयल रजवाड़ा फैशन से साफा, शेरवानी सहित अन्य परिधान खरीदे. इसके साथ ही दुल्हन एरिना ने भी राजपूती पोशाक पहनी और पारंपरिक श्रृंगार किया.
उल्लेखनीय है कि यह जोड़ा भारतीय रीति-रिवाजों का अनुसरण करता है और भगवान महादेव व शनि महाराज की पूजा अर्चना करते हैं. इसीलिए इस जोड़े ने शनिवार देव उठनी ग्यारस के अबुझ मुहूर्त में पूरे हिंदू रीति-रिवाज से अपना विवाह किया.
इस दौरान विजयपुर राव नरेन्द्रसिंह, ऋषि राज सिंह, किशन सिंह, शैलेन्द्रसिंह शक्तावत, धनंजय सिंह, रॉयल रजवाड़ा फैशन के प्रहलाद सिंह धरोल सहित कई व्यक्ति मौजूद रहे.
Reporter: Deepak Vyas
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