Mewar news: राजस्थान के मेवाड़ में मंगलवार सुबह 9 बजे सेव ऐनिमल रेस्क्यू टीम के पास, शहर की पुला कच्ची बस्ती के एक घर में अजीब सांप दिखाई देने की सूचना मिली. तो प्रकाश गमेती ने अपने टीम के साथ मौके पर जाकर इस दुर्लभ सांप का  रेस्क्यू किया. सांप के बारे में जानकारी न होने पर, टीम ने विशेषज्ञ भानुप्रताप सिंह को बताया तो, उन्होंने जानकारी दी कि यह ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक है.
 
जानकारी के अनुसार ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक पहली बार इस क्षेत्र में देखा गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह सांप आम तौर पर मेवाड़ में  नहीं पाया जाता है. जिसके कारण इसे पहचानने में मुश्किल हो रहा था.यह एक दु्र्लभ प्रजाति का सांप है, जो राजस्थान के सीकर, बीकानेर, बाड़मेर,जोधपुर और जैसलमेर जैसे इलाकों में पाया जाता हैं. ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक मुख्य रूप से गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, झारखंड, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में पाया जाता हैं.


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रंगों का क्या है कनेक्शन


विशेषज्ञों के अनुसार हिन्दी में इसे रजतबंसी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि उदयपुर में इस सांप का मिलना बहुत अनोखी बात है.सांप के संबंध में विस्तृत जानकारी संकलित कर इस सांप को वन विभाग के सहायक वनपाल भेरूलाल गाडरी के निर्देशन में सुरक्षित वन क्षेत्र में मुक्त कर दिया गया है.


ख्यातनाम पर्यावरणविद डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि ब्लैक-हेडेड रॉयल स्नेक देश के सबसे बड़े कोलुब्रिड परिवार के सदस्यों में से एक है. 2 मीटर तक के आकार और पीले-नारंगी और काले रंग के शरीर की सुंदर उपस्थिति के साथ यह प्रजाति पश्चिमी भारत में प्रतिष्ठित सांप मानी जाती है.


उदयपुर में इसका देखा जाना महत्वपूर्ण है.उन्होंने बताया कि अपने संपूर्ण जीवन में यह सांप तीन अलग-अलग रंग पैटर्न में देखा जाता है.इसके पूरे शरीर में काले धब्बों के साथ लाल-भूरे या नारंगी रंग मौजूद होता है. जिसके द्वारा इसे आसानी से पहचाना जा सकता है.इसका शरीर पतला और छिले हुए शल्कों से ढका होता है.यह जीवन के विभिन्न चरणों में तीन अलग-अलग रंग पैटर्न में पाया जाता है.