सरदारशहरः इंसानियत! किन्नर ने दो बहनों का भरा भात, धूमधाम से कराएगी शादी
kinnar Komal bai did bhaat bharai rasam in churu: चुरू जिले के सरदराशहर में 21 फरवरी को सूबेदार कुआं वार्ड नंबर 17 स्थित श्री रामदेव की पुत्री कंचन और मीरा की शादी होनी है. कोमल बाई की ओर से शादी से संबंधित सामान और नगद रुपये दिए गए. इस दौरान वार्ड के लोगों ने कहा कि पहले भी कोमल बाई के जरिए इस प्रकार से जरूरतमंद परिवारों का सहयोग किया जाता रहा है.
kinnar Komal bai did bhaat bharai rasam in churu: बदलते वक्त के साथ-साथ आज भी किन्नर समाज की हालत में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुई है. किन्नरों को समाज में बेशक उचित मान-सम्मान नहीं मिलता हो, लेकिन एक किन्नर ने समाज को आईना दिखाते हुए ऐसी मिसाल पेश की जिसकी हर जगह प्रशंसा हो रही है.
इस किन्नर ने भाई बनकर एक गरीब परिवार की दो बहनों के हाथ पीले करने में बड़ा सहयोग किया हैं. दरअसल, 21 फरवरी को सूबेदार कुआं वार्ड नंबर 17 स्थित श्री रामदेव की पुत्री कंचन और मीरा की शादी होनी है. परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण पास के वार्ड 13 में ही रहने वाली कोमल बाई किन्नर ने दोनों बेटियों की शादी में सहयोग करने का जिम्मा लिया है. इसे देखते हुए कोमल बाई ने अपने आस-पड़ोस की औरतों के साथ जाकर कंचन और मीरा का भाई बन कर भात भरा. इस दौरान महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए गए और दोनों बेटियों को कोमल बाई ने आशीर्वाद दिया.
कोमल बाई की ओर से शादी से संबंधित सामान और नगद रुपये दिए गए. इस दौरान वार्ड के लोगों ने कहा कि पहले भी कोमल बाई के जरिए इस प्रकार से जरूरतमंद परिवारों का सहयोग किया जाता रहा है. इसी कड़ी में अब वार्ड में ही कोमल बाई किन्नर की ओर से यह भात भर एक मिसाल पेश की गई है.
वही सामाजिक कार्यकर्ता शोभाकांत स्वामी ने बताया कि कोमल बाई की यह पहल निश्चित रूप से आने वाले समय में बड़ा संदेश देगी. किन्नर समाज लेना ही नहीं जानता बल्कि देना भी जानता है, इस प्रकार के किस्से हमें प्रदेश भर में देखने और सुनने को मिलते हैं कि किन्नर समाज द्वारा गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मदद की जाती है. इसी का उदाहरण अब सरदारशहर में देखने को मिला है. मैं मेरी ओर से किन्नर समाज की कोमल बाई को हार्दिक धन्यवाद देता हूं. वहीं परिवार के लोगों ने भी किन्नर कोमल बाई को धन्यवाद दिया.
इस अवसर पर कोमल बाई ने कहा कि मैंने समाज से ही लिया है और समाज को ही देने का काम कर रही हूं. मेरा कुछ भी नही है सब समाज का ही हैं. आगे भी मैं इसी प्रकार से जरूरतमंद परिवारों के लिए काम करती रहूंगी. मुझे खुशी है कि दो ब्राह्मण कन्याओं की शादी में मेरा द्वारा आर्थिक सहयोग किया गया है. मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं, मुझे इतनी खुशी हो रही है जिन्हें मैं शब्दों में बयान नहीं कर पा रही हूं. कोमल बाई द्वारा किए गए आर्थिक सहयोग को देख के लगता है कि सभ्य समाज में उपेक्षित किन्नर भी कभी ऐसा काम कर जाते है जो उन्हें महान बना देता है. किन्नर की दरियादिली के चलते आर्थिक रुप से कमजोर पिता का कुछ बोझ हल्का होगा और एक जरूरत मंद परिवार की दो बेटी की सादी धूम धाम से होगी.