Churu news: सूडान गृह युद्ध के चलते इस समय बड़ी मुश्किल से जुझ रहा है. देश की सेना और अर्धसैनिकों के बीच चतले संघर्ष में अभी तक करीब 400 लोगों से अधिक लोगों की मौत हो गई है, और 3500 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी हैं. सूडान की राजधानी खार्तूम में बड़ा हवाई अड्डा सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच युद्ध का स्थल रहा है. खार्तूम से 850 किलोमीटर दूर लाल सागर पर पोर्ट सूडान से कई देश अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं.


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गृह युद्ध के चलते सुडान में हालत खराब होने के कारण रोजी रोटी की तलाश में गए भारतीय लोग भी वहां पर फंसकर रह गए हैं. 28 भारतीय युवाओं के बीच रतनगढ़ का रहने वाला एक युवक मुकेश भी इनमें शामिल है. इन लोगों ने सोशल मीडिया पर स्वदेश बुलाने की गुहार लगाते हुए वहां की स्थिति से अवगत करवाया है. मुकेश पिछले चार दिनों से भूखा-प्यास एक बिल्डिंग में कैद है तथा इसके साथ देश के विभिन्न प्रांतों के 27 लोग भी हैं. ये सभी लोग पिछले चार दिनों से दान-दाने के लिए मोहताज है. 


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इन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि इन लोगों ने पिछले चार दिनों से कुछ नहीं खाया तथा पीने का पानी भी इनको नसीब नहीं हो रहा है. ये लोग अपनी जान जोखिम डालकर पास की एक फैक्ट्री से जैसे-तैसे पानी का जुगाड़ कर रहे हैं. मुकेश ने देश के गृहमंत्री, विदेश मंत्री एवं आर्मी चीफ से सोशल मीडिया पर गुहार लगाई है कि इन लोगों को कैसे भी स्वदेश बुलाया जाए. मुकेश ने बताया कि लगातार गोलियां चल रही और कभी भी कोई बुलैट जान ले सकती है. मुकेश ने बताया कि उन्होंने भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया, लेकिन पिछले चार दिनों से केवल आश्वासन मिल रहा है. अभी तक सुडास से नहीं निकाला गया है.


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