Churu: तहसील तारानगर के निवासी और राजस्थानी के चर्चित लेखक देवकरण जोशी को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर में सदस्य निर्वाचित किया गया है. सोमवार को अकादमी अध्यक्ष शिवराज छंगाणी की अध्यक्षता में उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सदस्यों का सर्वसम्मति से निर्वाचन हुआ. देवकरण जोशी के अलावा बैठक में डॉ भरत ओला को उपाध्यक्ष, राजेंद्र जोशी को कोषाध्यक्ष और बसंती पंवार, सुरेश साल्वी, भंवर लाल सुथार और कृष्ण कुमार आशु को सदस्य निर्वाचित किया गया. देवकरण जोशी ने बताया कि वे अकादमी की योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक युवा लेखकों को प्रोत्साहन के लिए प्रयास करेंगे.


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कोहिणा में  9 सितंबर 1975 को जन्मे देवकरण जोशी वर्तमान में राजस्व विभाग में भू-अभिलेख निरीक्षक पद पर काम कर रहे हैं. राजस्थानी व हिंदी साहित्य में काफी दखल रखते हैं. 2006 में प्रकाशित इनका राजस्थानी उपन्याय ‘बापड़ी’ काफी चर्चित रहा था. वर्ष 2008 में बसंतीदेवी धानुका युवा पुरस्कार से पुरस्कृत जोशी ने इसके अलावा साहित्य अकादेमी से पुरस्कृत तमिल भाषा के प्रख्यात उपन्यास का अनुवाद ‘छांणबीण कमीशन’ के नाम से किया है. इससे पहले संस्कृत की कालजयी रचना स्वप्न वासवदत्ता का राजस्थानी अनुवाद भी काफी सराहा गया. विविध पत्र-पत्रिकाओं के अलावा आकाशवाणी से इनकी रचनाओं का निरंतर प्रसारण होता है. देवकरण जोशी के निर्वाचन पर क्षेत्र के साहित्यकारों, साहित्य प्रेमियों, उनके शुभचिंतकों एवं प्रशंसकों ने प्रसन्नता व्यक्त की है. कुछ दिनों पहले राजस्थानी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष पद के लिए भी जिले के दुलाराम सहारण को मौका मिला है, इससे उत्साहित होकर जिले के अन्य युवा लेखक भी इस तरफ अपना रुझान बढ़ाएंगे. निश्चित रूप से लेखन के क्षेत्र में जिले की भागीदारी बढ़ेगी. चूरू जिले की प्रतिभाएं आगे आएंगी.


Reporter- Gopal Kanwar


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