Demand New Districts: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 नए जिलों की घोषणा की, उसके बाद से ही स्थानीय विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जैसे ही मुख्यमंत्री ने जिलों की घोषणा की ओर उसमे सुजानगढ़ का नाम नहीं आया तो क्षेत्र के लोग सड़कों पर आ गए हैं, रास्ते जाम किए, टायर जलाए, पुतले फूंके, मार्किट बंद रख कर विरोध प्रदर्शन करने लगे.


 जिले की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े 


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पिछले 430 दिनों से उपखंड कार्यालय के सामने धरने पर बैठे जनहित जिला बनाओ संघर्ष मोर्चा के सदस्यों के साथ विधानसभा क्षेत्र के लोग सीकर, जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, हरियाणा, पंजाब जाने वाले रास्तों को बंद कर विधायक मनोज मेघवाल और राजस्थान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.


7 दिनों तक रास्तों के बंद होने से वाहनों की लंबी लाइनें लगी


7 दिनों तक रास्तों के बंद होने से वाहनों की लंबी लंबी लाइनें लग गई जिसके कारण करोड़ो का फल, सब्जियां और कच्चा माल खराब होने लगा. मोर्चा के अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार मेघवाल ने बताया कि 7 दिन सभी मार्ग बंद रहने के बाद सीएमओं के आदेश पर प्रसाशन के लोग हमारे बीच पहुंचे. उन्होंने कहा कि आपके प्रतिनिधि मंडल को सीएमओं ने वार्ता के लिए बुलाया है, आपकी समस्या सुनने के लिए 28 मार्च को जयपुर में वार्ता होगी.


 राजस्थान सरकार के खिलाफ नारेबाजी


तबतक आप लोग इन सभी रास्तों को खोलकर धरना हटाए. प्रशासन के वार्ता के बाद हाइवे खोल कर वाहनों को निकाला गया और आगे की रणनीति के लिए धरने को पुराना बस स्टैंड पर लगाया गया.मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री गहलोत पर पूरा भरोसा है कि इस वार्ता में हमें हमारा गौरव सुजानगढ़ जिला वापस देंगे.


गुरुदेव गोदारा जिले की मांग को लेकर अनशन पर


मोर्चा के गुरुदेव गोदारा जिले की मांग को लेकर 3 फरवरी को आमरण अनशन पर बैठ गए थे जिसे प्रशासन ने समझाईश कर उठाया उस दिन गुरुदेव ने खाना खाने से इंकार कर दिया आज करीब 53 दिन बीत जाने के बाद भी खाना नही खा रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक सुजानगढ़ जिला नहीं बन जाता तब तक अन्न का एक भी दाना मुंह में नहीं लूंगा, जिला बनने के बाद ही खाना खाऊंगा.


वहीं जनहित संघर्ष मोर्चा के रामनारायण रुलानिया ने बताया कि जबतक जिला नही बनता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा, इस जनांदोलन में व्यापारी, क्षेत्र की जनता और महिलाएं भी बराबर सहयोग कर रही है.


28 मार्च को मुख्यमंत्री ने हमारे प्रतिनिधि मंडल को जयपुर बुलाया है. उसमें सुजानगढ़ को जिले की सौगात मिलती है तो अच्छी बात है वरना हमारा यह आंदोलन और तेज होगा, और विधानसभा का घेराव करने के लिए जनता जयपुर कूच करेगी.


सुजानगढ़ जिले की घोषणा नहीं करने से नाराजगी


आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपचुनाव में प्रचार के समय कहा था कि आप अगर मनोज मेघवाल को जिताते हैं तो समझिए कि आपने अशोक गहलोत को जिताया आपके विकास कार्यों में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी, मुख्यमंत्री के इस आह्वान पर विधायक मनोज मेघवाल को सुजानगढ़ विधानसभा की जनता ने भारी वोटों से जिताया था, सुजानगढ़ जिले के सभी मापदंडों पर खरा होने के बावजूद भी जिले की घोषणा नहीं होने से सरकार और विधायक के खिलाफ गहरी नाराजगी देखी जा रही है.


आजादी से पहले बीकानेर रियासत में सुजानगढ़ जिला था जहां पर कोर्ट लगता था यहां तक कि सरदारशहर, रतनगढ़ और श्रीडूंगरगढ़ भी इसके अधीन आते थे, राज्यों के पुनर्गठन के समय इसे हटाकर चुरू को जिला बना दिया गया तभी से जिले के लिए प्रयास और आन्दोलन चल रहे हैं.


जनता सड़कों पर आकर आंदोलन करेगी


इस दौरान अनुसूचित जाति के प्रदेश उपाध्यक्ष बीएल भाटी ने बताया कि 7 जिले जो टॉप नम्बर पर थे उनमें सुजानगढ़ का भी नाम था लेकिन 19 जिलों की घोषणा हुई जिसमें सुजानगढ़ का नाम नहीं आने से जनता में आक्रोश बढ़ा जिसके कारण जनता सड़कों पर आकर आंदोलन करने लगी, मुख्यमंत्री से मांग की है कि जनता के मान सम्मान बरकरार रखते हुए सुजानगढ़ को जिला घोषित किया जाए.


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इसी बीच बीदासर में धरने पर बैठे तीन युवक जिले की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए 2 घण्टे तक नारेबाजी कर प्रशासन को आत्मदाह की धमकी दी, मौके पर पहुंचे डीएसपी प्रह्लाद राय ने आश्वासन देकर युवकों को नीचे उतारा. आंदोलनकारियो का कहना है कि समय रहते सरकार ध्यान नहीं देती है तो इसका खामियाजा आगामी चुनाव में उठाना पड़ सकता है.


प्रधान संतोष मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सुजानगढ़ क्षेत्र की अनदेखी पर विरोध जताया प्रधान ने कहा कि आजदी से पहले सुजानगढ़ जिला था उसको वापस लेने के लिए जनता एक हो चुकी है मुख्यमंत्री को जल्द इसकी घोषणा करनी चाहिए जिससे जनता में फैला आक्रोश रुक सके.