Rajasthan Politics: पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ रतनगढ़ के दौरे पर रहे. रतनगढ़ में चूरू बस स्टैंड के पास BJP कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया.


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इस मौके पर पूर्व प्रतिपक्ष नेता ने राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल के बारे में बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में बिना किसी मापदंडों के जिलों एवं संभाग का गठन किया था, जिसका उद्देश्य केवल कांग्रेस वोट बैंक बढ़ाना था.



उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने थोथी घोषणाएं कर मुफ्त में रेवड़ियां बांटने का काम किया था, लेकिन भजनलाल सरकार धरातल पर काम कर रही है. राठौड़ ने गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र में अहंकार की कोई जगह नहीं है. यह घूमती हुई कुर्सी किस करवट बैठ जाए, कहा नहीं जा सकता.



राजेंद्र राठौड़ ने गोविंद सिंह डोटासरा को नसीहत देते हुए कहा कि जनता सब जानती है. अब कांग्रेस जनता के कंधों की तलाश कर रही है. इस दौरान दर्जनों लोगों ने अपनी-अपनी समस्याओं से राठौड़ को अवगत करवाते हुए उन्हें समस्या समाधान की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा. इस अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष शिवभगवान कम्मा, एडवोकेट बजरंग गुर्जर सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे.



नए जिले को रद्द करने पर अशोक गहलोत ने साधा निशाना



पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले खत्म करने पर भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. गहलोत ने कहा कि जिलों को खत्म करने को लेकर सरकार गिल्टी कॉन्शियस है. अगर ऐसा नहीं है तो रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को आगे करके बात करने की क्या जरूरत थी ? गुजरात, MP, छत्तीसगढ़ में जिले बढ़े तो राजस्थान में क्यों नहीं ? इस आधार पर प्रदेश में अभी और जिले बनाने की गुंजाइश है. सरकार के तर्क किसी भी दृष्टि से सही नहीं है.



प्रदेश में पिछली अशोक गहलोत सरकार में बने तीन संभाग और 9 जिले खत्म करने के को लेकर BJP और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है. भजनलाल सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल खड़े किए और पूछा, अगर नए संभाग और जिले बनाना गलत था, तो सरकार ने आते ही इन्हें निरस्त क्यों नहीं किया ? एक साल तक इंतजार क्यों किया ? अगर ये दूरी का तर्क देते हैं तो भरतपुर और डीग की दूरी 38 किमी होने के बावजूद डीग को यथावत जिला क्यों रखा गया, वहीं 122 किमी दूर अनूपगढ़ को खत्म क्यों कर दिया ?