Churu: चूरू के बीदासर तहसील मुख्यालय पर करीब 28 वर्षों से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें अभिनय करने वाले कई कलाकारों की तीसरी पीढ़ी भी अभिनय कर रही है. रामलीला में मंचन करने वाले स्थानीय कलाकार अलग-अलग शहरों में कार्य करते हैं, जो इस मौके वापस गांव लौटकर आते हैं. पर्दे पर अलग अलग किरदार निभाने वाले कलाकारों की परदे के पीछे जिंदगी बहुत रोचक है, कोई निजी जीवन में वकील, शिक्षक, निजी क्षेत्र व सरकारी कर्मचारी हैं, तो कई कलाकार खुद का व्यापार चलाने के साथ ही कामकाज को छोड़कर रामलीलाओं में अलग-अलग किरदार अदा कर रामराज के बारे में जनमानस को धर्म संस्कृति से जोड़ रहें हैं.


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फिल्मी कलाकारों को तो हर कोई जानता है लेकिन आज हम आपको उन कलाकारों से रूबरू करवा रहें हैं, जिनके किरदार ही उनकी पहचान बने हुए हैं. रामलीला के कलाकारों में खास बात है की इसमें कोई अनपढ़ नहीं है. सभी उच्च शिक्षित हैं, इतना ही नहीं सरकारी नौकरी, अच्छी कंपनियों में जॉब के साथ प्रोफेशनल डिग्रीधारी रामलीला के मंचन में पौराणिक किरदार निभा रहें हैं. गणगौरी चौक पर हो रही श्री बीदासर रामलीला में कई परिवार की तीसरी पीढ़ी अभिनय कर रही है. जिसमें 5 साल से लेकर 70 साल तक के कलाकार रामलीला में अलग अलग किरदार निभा रहें हैं.


कोरोना के चलते दो साल से मंचन नहीं होने के कारण 2 महीने पहले तैयारी शुरू की गई थी. जिसमे रोजाना दो से तीन घंटे  कलाकार रिहर्सल कर रहें थे. नवरात्र में खाने से लेकर संयम की पालना भी कलाकारों द्वारा की जाती है. इस रामलीला में विशेष बात यह भी है कि इसमे किसी महिला कलाकार को किरदार के लिए शामिल नही किया जाता है, इसमे महिला का अभिनय भी पुरूष द्वारा ही किया जाता है.


ये निभाते हैं रामलीला में किरदार 


रामलीला में राम का अभिनय रजत पांडे करते है, लक्ष्मण का अभिनय किशन जोशी, रावण का अभिनय- अमन वर्मा, सीता-राधाकिशन प्रजापत, हनुमान का अभिनय- राकेश शर्मा, ताड़का का अभिनय- शिवरतन दर्जी द्वारा किया गया. रामलीला में किरदार निभाने वाले कलाकारों का कहना हैं कि रामलीला के लिए अपनी नौकरी और पढ़ाई से छुट्टियां लेकर अभिनय कर रहें हैं, इन्होंने हमारी संस्कृति और परंपराओं से युवाओं को जोड़ने के लिए अभियन का क्षेत्र चुना है. मंच संचालन के साथ ही सबसे ज्यादा लोग मंच के पीछे सक्रिय होते हैं.


Reporter - Gopal Kanwar


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