सुजानगढ़ः चूरू के सुजानगढ़ में अखिल भारतीय सांगलिया धूणी के संत शिरोमणि श्रीश्री 1008 स्वामी खिंवादास महाराज के शिष्य और बिड़दा दास बगीची सुजानगढ़ के महंत श्रीश्री 1008 सांवर दास जी महाराज के सत्रहवीं सत्संग और भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. दो दिवसीय धार्मिक आयोजन अखिल भारतीय सांगलिया धूणी के पीठाधीश्वर श्रीश्री 108 स्वामी ओम दास महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ. सत्रहवीं के विशाल भजन संध्या में इंडियन आइडल के सुपरस्टार सवाई भाट, अनिल नागौरी, महेंद्र स्वामी गुजरात, अनजी-धनजी, ममता कच्छावा, शिवजीराम ,अमृत राजस्थानी, बिहारी लाल,विनोद बामनिया, राजू राजस्थानी, खुशबू स्वामी, जगदीश सांगलिया, किशन स्वामी,राजू सहित देश-प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकारों ने एक से बढ़कर एक शानदार भजनों की प्रस्तुतियां दी. भजन संध्या में संचालन किशोर दास स्वामी ने किया.


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श्रीश्री 1008 सांवर दास जी महाराज की समाधि पूजन का कार्यक्रम अखिल भारतीय सांगलिया धूणी के पीठाधीश्वर स्वामी ओम दास महाराज सहित सैकड़ों साधु संतों के सानिध्य में संपन्न हुआ. वहीं, भंडारे प्रसाद के आयोजन में सभी जाति, पंथ, संप्रदाय के लोगों ने सामाजिक समानता, समरसता और सद्भावना की प्रेरणा देते हुए एकजुटता दिखाई. सत्रहवीं भंडारे कार्यक्रम में पधारे देश-प्रदेश के सैकड़ों साधु-संतों का सांगलिया धूणी की ओर से स्वागत-अभिनंदन और पूजा की गई.


30 वर्षीय इंजीनियर विनोद बने सांगलिया संप्रदाय में संन्यास लेकर केशवदास गत 2 सितंबर को श्री श्री 1008 सांवर दास जी महाराज के देवलोक गमन के पश्चात उनके सत्रहवीं भंडारे में सांगलिया धूणी की शाखा बिड़दा दास जी बगीची के महंत गद्दी पर जिन युवा संत को बिठाया वह संत समाज व संस्कृति के लिए प्रेरणादाई बना. सांगलिया पीठाधीश्वर ओम दास महाराज के पावन सानिध्य में सैकड़ों संतों की उपस्थिति में बीटेक से इंजीनियरिंग किए हुए विनोद बामनिया मात्र 30 वर्ष की आयु में सन्यास संस्कार के बाद नए नामकरण के साथ केशव दास महाराज के रूप मे संन्यास ग्रहण किया. 


सीकर जिले के लोसल गांव में 1 अगस्त 1992 को रिछपाल-भगवती देवी के घर जन्मे विनोद 3 भाइयों में सबसे छोटा भाई है. विनोद ने दसवीं तक की शिक्षा लोसल में शेखावाटी शिक्षण संस्थान से प्राप्त करने के पश्चात जोधपुर गवर्नमेंट कॉलेज में पॉलिटेक्निक की. उसके पश्चात बंसी दास जी व ओमदास दास जी महराज के आदेश-निर्देशन में जयपुर के VIT से बीटेक कर इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की. गत 15 वर्षों से सांगलिया धूणी द्वारा ही शिक्षा-दीक्षा लेकर युवा संत बने केशवदास महाराज का संगीत क्षेत्र में भी खूब ख्याति प्राप्त की है.


प्रदेश भर के सैकड़ों संतों का हुआ समागम
दो दिवसीय धार्मिक आयोजन में सांगलिया संप्रदाय से जुड़े हुए अनेक विद्वान संतों का समागम सुजानगढ़ में हुआ. आयोजन में पूसादास अड़कसर, श्रवन दास सू़तोद, जगूदास कुमास, मेघदास बिठुडा, पदम दास माहवा, दयालदास जोधपुर, ओमयती महाराज गुर्जर की ढाणी, किशनदास परसरामपुरा, भेर दास रोडू, नोपदास चावडीया, गोपालदास, मालदास ,कृष्णदास, कमलदास सहित संज्ञा संप्रदाय के सैकड़ों साधु संत उपस्थित रहे.


ये भी रहे उपस्थित
दो दिवसीय धार्मिक आयोजन में क्षेत्र के राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनों से जुड़े अनेक प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे. आयोजन में पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा, खेमाराम मेघवाल, विधायक अभिनेश महर्षी, मनोज मेघवाल, प्रधान मनभरी देवी, संतोष मेघवाल, बीएल भाटी, जय श्री दाधीच, पूर्व सभापति बाबूलाल कुलदीप, इदरीश गौरी, कालूराम गेनाणा, भजनलाल रोलन, अमर सिंह धीरज, एडवोकेट सुरेश शर्मा, मनोज गौड़, संतोष शर्मा, पवन सोनी सहित सुजला क्षेत्र के अनेकों प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे.


Reporter- Gopal Kanwar


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