Dausa: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दौसा जिला मुख्यालय के गांधी तिराहे पर सत्याग्रह किया. सुबह 10 बजे शुरू हुए सत्याग्रह में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश व कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा शामिल हुए. शाम 5 बजे तक चले सत्याग्रह में कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.


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आवाज दबाने के लिए अपनाया तानाशाही रवैया-परसादी


चिकित्सा मंत्री ने कहा केंद्र सरकार ने राहुल गांधी के साथ जो किया वह बहुत बड़ी घटना है. एक छोटी सी बात को लेकर इतना बड़ा फैसला देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ. उनको संसद में नहीं बोलने दिया गया. दो बार उन्होंने स्पीकर को पत्र लिखा, तीसरी बार स्वयं मिले. यह सब प्रायोजित घटनाक्रम है. राहुल गांधी ने किसी का नाम थोड़े ही लिया था. छोटी सी बात जिसे लोग रोज कहते हैं, उस बात पर इतनी बड़ी सजा देना पूरी तरह प्रायोजित है. यदि 2 साल से कम सजा करते तो उनका उद्देश्य पूरा नहीं होता, लेकिन उनकी आवाज को दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है.


परसादी ने कहा 1978 में इंदिरा गांधी के साथ भी ऐसा ही किया गया था. बड़े लोग राहुल गांधी को कभी बर्दाश्त नहीं करते, क्योंकि उन्होंने अडानी के मामले में बिल्कुल सही कहा है. देश के इतिहास में पहली बार देखा जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी संसद नहीं चलने दे रही. अडानी ने जो 20 हजार करोड़ का घोटाला किया, इसकी जेपीसी की मांग को पूरा करना चाहिए. इस घटनाक्रम से बड़ा लोकतंत्र के लिए काला धब्बा नहीं हो सकता.


देश की स्वतंत्रता के ऊपर प्रश्न चिन्ह लगा-भूपेश


महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा आज देश की स्वतंत्रता के ऊपर एक प्रश्न चिन्ह लग चुका है. पूरा लोकतांत्रिक सिस्टम खतरे में चल रहा है. केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के चलते आम आदमी अपनी बात नहीं कह पा रहा. आजादी के बाद पहली बार देखने को मिल रहा है कि डर का माहौल है. राहुल गांधी के साथ जो कृत्य किया जा रहा है इससे बड़ा अफसोस नहीं हो सकता. ऐसी ही तमाम दमनकारी नीतियों के विरोध में कांग्रेस पार्टी सत्याग्रह कर रही है.


इस दौरान बांदीकुई विधायक जीआर खटाना, जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़, जिला प्रमुख हीरालाल सैनी, अब्दुल मन्नान, रामनाथ राजोरिया, रामप्रताप प्रधान, राकेश चौधरी, नरेंद्र जैमन, शिवराम सिकराय, खेमराज मीणा, विक्रम मंडावर समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.


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