Dausa: दौसा जिला परिषद में आज साधारण सभा की बैठक की गई. अधिकारी एक घंटे तक सभाकक्ष में जिला परिषद के सदस्यों का इंतजार करते रहे. उसके बाद सदस्यों ने पहुंचकर 2 मिनट बाद ही बैठक का बहिष्कार कर दिया और नारेबाजी कर सभा कक्ष से बाहर निकल गए. हालांकि जिला प्रमुख ने सदस्यों को समझाइश की लेकिन नाराज सदस्यों ने कहा कि जब तक उनकी 11 सूत्रीय मांगों पर राज्य सरकार सकारात्मक रुख नहीं अपनाएगी उनका हर बार ऐसे ही बैठकों का बहिष्कार जारी रहेगा.


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जिला परिषद के नाराज सदस्य नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को 11 सूत्रीय मांग पत्र के साथ ज्ञापन सौंपा. उनकी प्रमुख मांग है कि जिला परिषद सदस्यों को मासिक वेतन के रूप में 30,000 प्रति माह मिले. साथ ही मीटिंग भत्ता भी 5000 हो और पेंशन योजना लागू की जाए. उप जिला प्रमुख को साल में 30 की जगह 90 दिन सरकारी वाहन उपलब्ध करवाया जाए. जिला परिषद सदस्य को 15 दिन के स्थान पर 60 दिन वाहन मिले. वहीं संसद सदस्यों और विधानसभा सदस्यों की तरह जिला परिषद सदस्यों को भी प्रशासनिक अधिकार देने के लिए प्रपत्र जारी हो. सर्किट हाउस में ठहरने व फ्री टोल पास मिले.


वहीं एफएफसी , एसएफसी , बीआरजीएफ और माड़ा योजनाओं की राशि जिला परिषद सदस्यों की सहमति से विकास कार्यों के लिए स्वीकृत हो. साथ ही ग्राम पंचायत , पंचायत समिति , जिला परिषद द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों के समायोजन में जिला परिषद सदस्यों की भी भागीदारी हो.


वहीं जिला परिषद के सदस्यों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए सालाना पचास लाख रुपये का बजट भी आवंटित किया जाए. जिला परिषद सदस्य को सरकारी आवास की सुविधा मिले . जिला परिषद के सदस्य कल्याण सहाय वर्मा ने कहा एक सदस्य करीब 60000 लोगों का प्रतिनिधित्व करता है ऐसे में सरकार को 11 सूत्रीय मांगों पर ध्यान देते हुए जल्द से जल्द सकारात्मक निर्णय करना चाहिए .


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