Dausa News: पिछले दिनों जयपुर में न्यायाधीश के आवास पर हुई सहायक न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा की मौत का मामला प्रदेश में तूल पकड़ने लगा है. प्रदेश के सभी न्यायिक कर्मचारी 6 सूत्रीय मांग पत्र के साथ सामूहिक अवकाश पर है. 


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दौसा जिले में भी न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर है, वहीं न्यायालय के बाहर धरना दे रहे हैं. न्यायिक कर्मचारी पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे हैं. साथ ही मृतक के परिजनों को 50 लाख मुआवजा राशि और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं.


दौसा जिला एवं सेंशन न्यायालय के बाहर दरवाजे पर न्यायिक कर्मचारियों ने धरना दिया, जहां पांच महिला न्यायिक कर्मचारी क्रमिक अनशन पर भी रही. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा. 


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही दास प्रथा खत्म होनी चाहिए. इसके चलते न्यायिक कर्मचारी प्रताड़ित होते हैं. साथ ही सुभाष मेहरा की मौत के प्रकरण का खुलासा होना चाहिए और यह तभी संभव है, जब इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करेगी. साथ ही इस घटनाक्रम में जो भी दोषी अधिकारी कर्मचारी है, उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू होनी चाहिए.


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राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ शाखा दौसा के न्यायिक कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सुभाष मेहरा को न्याय मिले, इसके लिए वह लड़ाई जारी रखेंगे, पीछे नहीं हटेंगे. भविष्य में भी इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए इस पूरे मामले का खुलासा बेहद जरूरी है. न्यायिक कर्मचारियों में सुभाष मेहरा की मौत को लेकर आक्रोश व्याप्त है.


Reporter: Laxmi Sharma


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