दौसा: जिले में जमकर हो रहा अवैध खनन, दूर-दूर तक रोकने-टोकने वाला कोई नहीं
दौसा जिले में अवैध खनन का काम जोरों पर है, फिर वह बजरी का हो या पहाड़ों से पत्थरों का जिले की नदियों को अवैध खनन कर्ताओं ने खोखला कर दिया और यह काम लंबे अरसे से बदस्तूर जारी है.
Dausa: राजस्थान के दौसा जिले में अवैध खनन का काम जोरों पर है, फिर वह बजरी का हो या पहाड़ों से पत्थरों का जिले की नदियों को अवैध खनन कर्ताओं ने खोखला कर दिया और यह काम लंबे अरसे से बदस्तूर जारी है. सांवा और बाणगंगा नदी में अवैध खनन कर्ताओं ने बजरी के अवैध खनन से हाथी गहरे गड्ढों में डूब गए.
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अवैध खनन कर्ताओं ने नदियों का स्वरूप ही बदल दिया, लेकिन सबसे बड़ी बात है उन्हें रोकने और टोकने वाला कोई नहीं है. आखिर खनिज विभाग इन अवैध खनन कर्ताओं के आगे बोना क्यों बना हुआ है. कहीं यह खनिज विभाग की बड़ी मिलीभगत का खेल तो नहीं जिसके चलते जिले में अवैध खनन करता नदियों को खोखला कर रहे हैं, तो वहीं पहाड़ों को तहस-नहस कर रहे हैं.
अवैध खनन करता जिले में नदियों से बजरी का ही नहीं बल्कि अवैध रूप से खेतों से भी बजरी की खुदाई कर बेची जा रही है. वहीं जिले के कई पहाड़ों में भी पत्थरों का अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है. फारेस्ट क्षेत्र में स्थित पहाड़ों से जमकर अवैध रूप से खनन कर अवैध खनन करता अपनी जेब भर रहे हैं, लेकिन वन विभाग भी उन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रहा है.
बड़ा सवाल यह है कि आखिर इन अवैध खनन कर्ताओं के आगे जिले का खनिज विभाग और वन विभाग मूकदर्शक क्यों बना हुआ है. क्यों इन अवैध खनन कर्ताओं को खुली छूट दी हुई है, जिसके चलते वह दिन हो या रात जमकर अवैध खनन कर रहे हैं. साथ ही उन्हें किसी का कोई डर है और ना ही खोफ, वह बोखोफ होकर धड़ल्ले से अवैध खनन का काम कर रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन द्वारा खनिज विभाग और वन विभाग को अवैध खनन को रोकने के लिए सख्त निर्देश भी दिए हुए है.
साथ ही अगर वन विभाग द्वारा या खनिज विभाग द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस जाब्ता पुलिस अधीक्षक से मांगा जाए, तो वह भी देने से इंकार नहीं करते फिर सवाल यह है कि जिले का खनिज विभाग और वन विभाग इतना लापरवाह क्यों बना हुआ है, जिसका अवैध खनन की ओर ध्यान नहीं है या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि अवैध खनन कर्ताओं से सांठगांठ कर यह भी अपनी जेब भरने में लगे हुए है.
अगर अवैध खनन कर्ताओं के खिलाफ जिले में प्रभावी कार्यवाही हो तो बड़े पैमाने पर जिले में अवैध खनन का कारोबार सामने आएगा. जिले का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र है, जहां अवैध खनन का कारोबार नहीं फल फूल रहा हो पूर्व में जिले में अवैध खनन के दौरान कई हादसे भी हो चुके हैं, जिनमें अवैध खनन का काम करने वाले मजदूरों की जानें भी गई है तो कई घायल भी हुए हैं.
हाल ही में भरतपुर में अवैध खनन के कारोबार से दुखी होकर एक संत ने प्रकृति को बचाने के लिए आत्मदाह कर अपना जीवन समाप्त किया है. वहीं मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव द्वारा भी प्रदेश भर में अवैध खनन का कारोबार पूरी तरह खत्म हो इसको लेकर भी सख्त निर्देश दिए हुए हैं. उसके बावजूद भी दौसा जिले में अवैध खनन का कारोबार फलना फूलना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.
Reporter: Laxmi Sharma