18 घंटे तक थाने में चली भैंस के स्वामित्व की लड़ाई, भगवान कसम के साथ पुलिस ने खत्म किया मामला
Bandikui : 18 घंटे से थाने में बंधी भैंस के मालिकाना हक को लेकर पुलिस भी समझ नहीं पा रही थी, कि आखिर भैंस का असली मालिक कौन है. इसी बीच किसी ने कहा कि जो भी मंदिर में बैठकर भैंस के मालिकाना हक के लिए सौगंध खाएगा. भैंस उसी की होगी
Bandikui : राजस्थान के दौसा के बांदीकुई में भैंस के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में विवाद इतना गहरा गया कि मामला पुलिस थाने पहुंच गया और पुलिस ने भैंस को 18 घंटे तक थाने में पेड़ से बांधे रखा. पुलिस ने मसले को सुलझाने के कई प्रयास किए, लेकिन वो नाकाफी साबित हुए.
18 घंटे से थाने में बंधी भैंस के मालिकाना हक को लेकर पुलिस भी समझ नहीं पा रही थी, कि आखिर भैंस का असली मालिक कौन है. इसी बीच किसी ने कहा कि जो भी मंदिर में बैठकर भैंस के मालिकाना हक के लिए सौगंध खाएगा. भैंस उसी की होगी इस पर एक पक्ष ने सौगंध खाने से इंकार कर दिया. तो पुलिस के भी समझ में आ गया कि भैंस का असली मालिक कौन है, पुलिस ने भैंस को असली मालिक को देकर थाने से रवाना किया.
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जानकारी के मुताबिक बड़ियाल कला गांव निवासी विनोद मीणा की भैंस 3 दिन पहले चोरी हो गई थी. विनोद भैंस की तलाश कर रहा था. इसी दौरान एक लोडिंग टेंपो में विनोद मीणा को पंचमुखी रोड पर 2 भैंस दिखाई दी विनोद मीणा ने टेंपो को रुकवाया और कहां इसमें एक भैंस मेरी है और पुलिस को मौके पर बुला लिया.
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरी जानकारी ली और विवाद बढ़ता देख पुलिस टेंपो समेत भैंस को थाने ले आई और मसले का हल सुलझाने में जुट गई. दोनों पक्ष अपनी-अपनी भैंस बताने लगे ऐसे में पुलिस को भी कोई मसले का हल नजर नहीं आया.
वही टेंपो में भैंस लेकर जा रहे मोतीवाड़ा गांव निवासी मदन बंजारा ने कहा ये भैंस उसने पामाड़ी गांव की सरबला ढाणी निवासी रामजीलाल सैनी से ₹28000 में खरीदी है. इस पर पुलिस ने रामजी लाल सैनी को थाने बुलाया लेकिन उसके बावजूद भी भैंस के स्वामित्व को लेकर फैसला नहीं हो सका. दोनों ही पक्ष अपनी अपनी भैंस बताकर अड़े रहे.
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पुलिस ने दोनों ही परिवारों की महिलाओं को बुलाकर भी भैंस के मालिकाना हक का फैसला कराने का प्रयास किया, लेकिन वह भी असफल रहा. दोनों पक्षो की महिलाओं ने भी भैंस को अपनी बताया. ऐसे में पुलिस भी उलझन में पड़ गई कि अब करें तो क्या करें.
प्रकरण के जांच अधिकारी हरि सिंह ने फिर एक पैतरा फेंकते हुए कहा-अब भैंस का डीएनए टेस्ट करवाने के बाद ही मसला साफ होगा, कि आखिर भैंस किसकी है. पुलिस का यह हथकंड़ा भी काम नहीं आया और दोनों ही पक्षों ने कहा आप डीएनए करवा लीजिए भैंस हमारी ही निकलेगी.
जब किसी भी तरीके से भैंस के मालिकाना हक का कोई फैसला नहीं हो सका, तो जांच अधिकारी हरिसिंह ने कहा दोनों पक्षों को हैडिया खंडी मंदिर ले जाकर ईमान धर्म उठवाऊंगा और भगवान की सौगंध खाकर कहना होगा कि ये भैंस मेरी है और जो भी झूठ बोलेगा, उसे भगवान माफ नहीं करेंगे. बस यही पर विनोद मीणा पक्ष की महिलाओं ने फिर से भैंस की तरफ देखा और कहा ये भैंस हमारी नहीं है. इस पर पुलिस ने दोनों भैंसों को मोतीवाड़ा गांव निवासी मदन बंजारा के हवाले कर मसले को सुलझाया लिया.
रिपोर्टर - लक्ष्मी अवतार शर्मा
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