Dausa: सीकर के खंडेला में अधिवक्ता द्वारा आत्मदाह का मामला पूरे राजस्थान में गूंजने लगा है. वकील के आत्मदाह के मामले को लेकर प्रदेश का अधिवक्ता समुदाय आक्रोशित है. वकीलों का कहना है कि अधिवक्ता हंसराज मालवीय दलाल संस्कृति की प्रताड़ना का शिकार हुआ है. समय रहते सिस्टम में जमे लोगों ने इस पर ध्यान दिया होता तो आज अधिवक्ता हंसराज मालवीय हमारे बीच होते, उन्हें इस तरीके से आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया है, ऐसे में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.


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अधिवक्ता हंसराज मालवीय के आत्मदाह के प्रकरण को लेकर दौसा जिले के वकील भी आक्रोशित है. वकीलों ने आज विरोध में जिले की अदालतों में न्यायिक कार्यों से दूरी बनाए रखी, जिसके चलते पक्षकार भी परेशान रहे दौसा, बांदीकुई, महवा, सिकराय और लालसोट सभी जगह वकीलों ने सिस्टम के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है. 


हंसराज मालवीय के आत्मदाह को लेकर जिले के वकील एक ओर जहां हैरान है ,दुखी है, वहीं सिस्टम को भी कोस रहे हैं. वकीलों का कहना है कि जब साथी वकील हंसराज मालवीय प्रताड़ना का विरोध कर रहे थे तो उन्हें धमकाया जा रहा था लेकिन जिम्मेदारों ने कोई कदम नही उठाया, जिसके चलते दुखी होकर हंसराज मालवीय ने मौत को गले लगा लिया.


दौसा जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष दिनेश जोशी ने कहा कि घटनाक्रम से प्रदेश का पूरा वकील समुदाय दुखी है अगर जिम्मेदारों ने समय रहते हंसराज की बात सुनी होती और उस पर ध्यान दिया होता तो हंसराज दुखी होकर इस तरीके से मौत को गले नहीं लगाता. अधिवक्ता हंसराज दलाल संस्कृति का शिकार हुआ है उसे इतना प्रताड़ित कर दिया गया कि उसने दुखी होकर अपने प्राण दे दिए, ऐसे में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही अधिवक्ता हंसराज मालवीय के परिवार को सरकारी सहायता मुहैया करवानी चाहिए और भविष्य में इस तरह किसी अधिवक्ता के साथ घटना नहीं हो इस पर भी सरकार को अमल करना चाहिए.


Reporter: Laxmi Sharma


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