कोटा में कोचिंग छात्र ने फांसी लगाकर दे दी जान, JEE की कर रहा था तैयारी, बढ़ते तनाव ने फिर खड़े किए सवाल
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कोटा में कोचिंग छात्र ने फांसी लगाकर दे दी जान, JEE की कर रहा था तैयारी, बढ़ते तनाव ने फिर खड़े किए सवाल

Kota Coaching Suicide: कोटा शहर शिक्षा का हब माना जाता है, वहां एक और दर्दनाक घटना सामने आई है. जवाहर नगर थाना इलाके में एक कोचिंग छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह मामला छात्रों पर बढ़ते दबाव और मेंटल हेल्थ पर सवाल खड़ा करता है.

कोटा में कोचिंग छात्र ने फांसी लगाकर दे दी जान, JEE की कर रहा था तैयारी, बढ़ते तनाव ने फिर खड़े किए सवाल

JEE Aspirant Death In Kota: राजस्थान के कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी, जिससे कोचिंग हब की तनावपूर्ण स्थिति एक बार फिर उजागर हो गई. 19 वर्षीय नीरज, जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला था, जेईई की तैयारी कर रहा था और पिछले दो साल से कोटा के हॉस्टल में रह रहा था. पुलिस मामले की जांच कर रही है, जबकि कोटा में छात्रों के बीच बढ़ते तनाव और आत्महत्या के मामलों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है.

कोचिंग छात्र ने दी जान
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक छात्र का नाम नीरज था, जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ से कोटा आया था. वह दो साल से राजीव गांधी नगर के एक हॉस्टल में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था. घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

पिता का बयान
छात्र के पिता ने बताया कि परिवार से उसका कोई विवाद नहीं था. उन्होंने कई बार बेटे को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. इसके बाद उन्होंने हॉस्टल संचालक से संपर्क किया, जिसके बाद घटना का पता चला.

पुलिस जांच में जुटी
जवाहर नगर थाना के सीआई बुघराज के अनुसार, छात्र एक हॉस्टल में रहता था और वो 2023 से जेईई की तैयारी करता था.उसने अपने कमरे में इस घटना को अंजाम दिया. वह महेंद्रगढ़ का रहने वाला था और उसकी उम्र 19 साल की थी. शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसके परिजनों को सौंपा जाएगा. छात्र के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. फिलहाल, कमरे को सील कर दिया गया है. पुलिस ने बताया कि परिजनों से बातचीत कर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा.

कोटा में बढ़ रही सुसाइड की घटनाएं
कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. 2024 में 30 से ज्यादा छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो एक चिंताजनक आंकड़ा है. विशेषज्ञों का मानना है कि कोचिंग छात्रों पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव और घर से दूर रहने की वजह से मानसिक तनाव बढ़ जाता है. प्रशासन और कोचिंग संस्थान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन घटनाओं में कमी नहीं आ रही है.

प्रशासन की पहल
कोटा प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं. हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों में काउंसलिंग सेशन आयोजित किए जा रहे हैं. इसके अलावा, 'हेल्पलाइन नंबर' भी जारी किया गया है, ताकि जरूरतमंद छात्र समय पर मदद ले सकें. फिर भी, आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए सख्त निगरानी और बेहतर उपायों की जरूरत है.

(इनपुट- आईएएनएस)

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