Bari: धौलपुर के बाड़ी शहर की स्ट्रीट लाइटे न होने से शहर की गलियां और सड़कों पर अंधेरा छाया हुआ है. 60 फीसदी स्ट्रीट लाइटे कई महीनों से खराब हैं. वहीं, लाखों रुपयों की लागत से बनी हाईमास्ट लाइट अधिकाशं खराब है या फिर कई आज तक जल नहीं सकी हैं, जिसके चलते शाम ढलते ही नगर में असुरक्षा और  भय का माहौल बन जाता है. 


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नगर की रोड लाइटों पर नगरपालिका द्वारा पानी की तरह पैसा बहाया गया है, लेकिन बावजूद इसके ज्यादातर सड़कों और गलियों में आज भी अंधेरा है. नगरपालिका की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था का कागजी आंकड़ा भले ही धवल हो, लेकिन हकीकत उतनी ही काली है. 


कहने को तो नगर को जगमगाने के लिए सेकड़ो सोडियम लाइटे लगाई गई है, मुख्य चौराहों पर हाईमास्ट लाइटों के बड़े-बड़े बुथ बनाए गए है, लेकिन शाम ढलने के बाद यह नजर नहीं आते. शहर का 60 फीसदी इलाका ऐसा जहां पर रोशनी की जरूरत है, वहां पर अंधेरा रहता है. कई जगह लाइन खराब है तो कई जगह सोडियम लाइटे खराब है, नगर की अधिकांश स्ट्रीट लाइट व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है. इस कारण गलियों तो अंधेरे में रहती ही है मुख्य मार्ग भी अंधेरे में डूबे रहते हैं. 


चंद्रशेखर गेट से कप्तान होटल की लाइटे तो लगभग एक साल से बंद हुई है, जहां सैकड़ों महिला-पुरुषों का आवागमन और सुबह-शाम की सैर होती है. इन खंभों पर लगीं स्ट्रीट लाइटें ही असलियत बताने के लिए काफी है. यहां खंभों की कमी नहीं है, कमी है तो बस रोशनी की, जो नगरपालिका की अनदेखी का शिकार है. बाजार या अन्य मार्गों पर दुकानदार या फिर वहां के निवासी खुद उजाला न करें तो लोगों का राह चलना दूभर हो जाए. 


बाड़ी में शाम ढलते ही जिन प्रमुख मार्गो पर अंधेरा रहता है, उनमें राजमार्ग धौलपुर रोड, सेपउ रोड, सरमथुरा रोड, बसेड़ी रोड, तुलसीवन रोड समेत अधिकांश गलियों में लाइटे खराब होने से अंधेरा रहता है. 


Reporter- Bhanu Sharma 


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