Baseri: राजस्थान के धौलपुर जिले के बसेड़ी विधानसभा में सरमथुरा कस्बे के राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय हिंदी दिवस का आयोजन किया गया. इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डीके गुप्ता ने हिन्दी के शब्द की उत्पत्ति से लेकर भाषा के स्तर तक की समग्र चर्चा विद्यार्थियों के समक्ष की है. उन्होंने कहा कि 'निज भाषा उन्नति अझै, सब उन्नति का मूल' के द्वारा विद्यार्थियों को हिन्दी के महत्व के बारे में बताया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

साथ ही उन्होंने बताया कि आज हिन्दी विश्व की तीसरी बड़ी भाषा है जो देश और विदेशों में अपना स्थान रखती है. रामराज मीना ने हिन्दी के संवैधानिक पक्ष को रखते हुए बताया कि 14 सितंबर 1953 से यह दिवस राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने महात्मा गांधी और हिन्दी पर अपनी बात रखी. 


यह भी पढ़ें - पुष्कर के जूता-चप्पल कांड का पहले से था पता, महज बाजार बंद करा कर बैठ गया था प्रशासन


रिचा मीना ने ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में हिन्दी भाषा की चर्चा की और कहा कि 14 सितबंर का दिन वाकई हर भारतवासी के लिए गर्व का दिन है. ये पूरे देश को एक रखने वाली भाषा हिंदी का दिन है. सांस्कृतिक विविधताओं से भरे देश भारत में हिंदी दिवस के दिन की अहमियत बहुत ज्यादा है. अंत में रामराज द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया. इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.


क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस
आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था. इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया.


Reporter: Bhanu Sharma


धौलपुर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


खबरें और भी हैं...


सीएम अशोक गहलोत के दौरे को लेकर ट्रैफिक और पार्किंग के बदले इंतजाम, प्रतापगढ़ को मिल सकती है आज मिलेगी बड़ी सौगात


राजस्थान के ओवरएज बेरोजगारों के लिए बड़ी खबर, अगली प्रतियोगी परीक्षाओं में 2 साल की छूट जानें पूरी डिटेल


पुरुषों को 'गुप्त' रखनी चाहिए ये बातें, गलती से भी किसी के सामने न करें जिक्र, हो जाएंगे बर्बाद