Dholpur news: धौलपुर जिले की बाड़ी शहर की नगर पालिका में वार्ड पार्षदों की नाराजगी और अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के मामले ने इतना तूल पकड़ा है कि अब नगर पालिका प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी द्वारा नगर पालिका में पिछले 6 वर्षों से चल रहे ठेके के कर्मचारियों को आदेश जारी कर तुरंत प्रभाव से हटा दिया है.


ठेके के नाम पर पालिका में घोटाला


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 जिसके बाद शहर में अविश्वास को लेकर तो चर्चा है ही साथ में अब ठेके के नाम पर पालिका में कितना घोटाला हो रहा है . इसको लेकर भी चर्चा हो रही है. हालांकि नगर पालिका प्रशासन उक्त मामले में कोई जानकारी नहीं दे रहा लेकिन सूत्रों से जो जानकारी निकल कर आ रही है उसके अनुसार यह घोटाला लाखों रुपए प्रतिमाह का बताया जा रहा है. जिसमें तैनात संविदा कार्मिकों की संख्या कुछ है और काम करने वाले कर्मचारी नाम मात्र के है.


ऐसे में जो राशि ठेकेदार कर्मचारियों के नाम पर उठा रहे हैं. वह उन कर्मचारियों के खातों में जा रही है या ठेकेदार उसे हजम कर रहा है. इस पर भी चर्चा हो रही है. पूरे मामले में वार्ड पार्षद इस जिद पर अड़े हुए हैं कि केवल ठेका निरस्त करने से काम नहीं चलेगा. संविदा कार्मिकों के उक्त मामले की पूरी जांच होनी चाहिए साथ में नगर पालिका में हो रहे अन्य कार्यों की भी जांच की मांग की जा रही है.


नगर पालिका में छह साल से चलाया जा रहा संविदा कार्मिको से काम 


शहर की नगर पालिका जब से बी ग्रेड में परिवर्तित हुई है तब से यहां स्थाई अधिकारियों की काफी कमी देखी जा रही है। ऐसे में यहां प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से अस्थाई कर्मचारियों लगा कर काम चलाने का प्रयास किया गया. जिसमें वर्तमान में जनप्रतिनिधियों ने ऐसी फाइल चलाई की लगातार घोटाले सामने आ रहे है. सूत्रों से जो जानकारी निकलकर आई है उसे सही माना जाए तो नगर पालिका में विभिन्न विभागों में 49 कार्मिक तैनात बताए गए है.


 जबकि वास्तविक रूप से काम करने वाले कर्मचारी डेढ़ दर्जन से अधिक नहीं है. ऐसे में इन 49 कार्मिकों का भुगतान ठेकेदारों के खाते में हो रहा है जो प्रतिमा छह लाख रुपए के करीब बताया गया है. इसी प्रकार सहायक कर्मचारी के नाम पर 13 लोगों का भुगतान उठाया जा रहा है जो डेढ़ लाख के करीब है. जबकि तैनात सहायक कर्मचारी संख्या में केवल 09 है. वहीं 11 केयर टेकर के नाम पर एक लाख की राशि उठाई जा रही है जबकि संख्या में केवल दो केयर टेकर ही तैनात है.


कागजो में एक दर्जन सुरक्षा गार्ड,तैनात नहीं कोई 


कागजो में पालिका के विभिन्न स्थानों पर एक दर्जन सुरक्षा गार्ड लगाकर डेढ़ लाख रुपया प्रतिमाह का भुगतान बताया गया है जबकि वार्ड पार्षदों का आरोप है की उन्होंने कही भी कोई सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं देखा. पालिका की दमकल गाड़ी पर 6 फायरमैन तैनात बताकर करीब पचास हजार रूपये का भुगतान प्रतिमाह उठाया जा रहा है. जबकि गाड़ी पर केवल तीन फायरमैन तैनात है। वही तीन वाहन चालक भी नगर पालिका में अपनी सेवाएं दे रहे है जिनको प्रतिमाह तीस हजार का भुगतान दिया जा रहा है जबकि तैनात केवल एक चालक है.


संविदा कार्मिको के नाम पर प्रतिमाह 11 लाख का भुगतान


ऐसे में करीब 11 लाख रुपए प्रतिमाह का भुगतान संविदा कार्मिको के नाम पर हो रहा है। जबकि अगर तैनात संविदा कर्मचारियों के भुगतान को देखे तो यह करीब दो लाख रूपये के करीब ही बैठता है। ऐसे में 09 लाख रूपये प्रति माह संविदा कार्मिकों के नाम पर फर्जी भुगतान हो रहा है। जिसका ठेका निरस्त होने के बाद पार्षद जांच की मांग कर रहे हैं।


पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव की अटकलें के बाद हड़कंप,हर काम के जांच की मांग 


वार्ड पार्षद अमर सिंह के साथ संगीत शर्मा,रोहित मंगल,सुदामा कंसल,हरिदेव शर्मा एवं अन्य ने पालिका प्रशासन के साथ स्थानीय प्रशासन और जिला कलेक्टर से मांग की है कि नगर पालिका में हो रहे फर्जी वालों की जांच कराई जाए. तीन वर्ष से लेकर अब तक पालिका में जो भी काम हुए हैं. उनकी निष्पक्ष जांच हो.


मृत पशु एवं मवेशी के नाम पर प्रतिमाह पांच लाख का भुगतान


मृत पशु,मवेशी के नाम पर प्रतिमाह पांच लाख का भुगतान किया जा रहा है जिसको लेकर भी वार्ड पार्षदों ने फर्जीवाड़े के आरोप लगाए है. शहर में शौचालय,मूत्रालय की सफाई के नाम पर प्रतिदिन पांच टैंकर पानी का भुगतान उठाया जा रहा है. वास्तविकता में एक सप्ताह में एक दो टैंकर ही शौचालय और मूत्रालयों की सफाई करते नजर आते हैं. 


शहर की बजरंग कॉलोनी में स्थित होद तालाब के पानी को निकालने के नाम पर अब तक करोड़ों रुपया पानी की तरह बाह दिया गया है। कागजो में चार ट्रैक्टर मय पंप मशीन के प्रतिदिन 8 से 10 घंटे की सर्विस बताकर प्रतिमा लाखों का भुगतान हो रहा है. हकीकत में एक ट्रैक्टर मय पंप मशीन कभी कभार ही चलती है। ऐसे में ज्यादातर वार्ड पार्षद नाराज है.


नाराज पार्षद कर रहे अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी 


नाराज वार्ड पार्षदों ने प्रशासन से भी मांग की है कि पालिका के सभी कार्यों की जांच कराई जाए इसमें जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कार्रवाई हो. यदि प्रशासन ने जांच नहीं कराई तो पार्षदों ने यह भी फैसला लिया है कि वह जिला कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ जाएंगे. वार्ड पार्षद अमर सिंह पोसवाल,सुदामा कंसल,संगीत शर्मा आदि का कहना है कि शहर की नगर पालिका में जो भी पैसा सरकार से आया है वह कहां खर्च हुआ इसकी भी जांच होनी चाहिए. सभी वार्ड पार्षद जल्द अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में लगे है.


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