Dholpur news: राजस्थान के धौलपुर जैन समाज द्वारा दिगंबर जैन मंदिर में विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया. जैन समाज के अध्यक्ष धनेश जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी क्षेत्र पर आचार्य विद्यासागर महाराज ने अंतिम सांस ली.


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 समाज के संरक्षक पूर्व विधायक रविंद्र सिंह बोहरा ने अपनी विनयांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज जैन समाज के देवता तुल्य संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महा मुनिराज शनिवार- रविवार की मध्य रात्रि को ब्रह्मलीन हो गए. जिसकी सूचना मिलने पर समाज में शोक की लहर दौड़ गई.




 उन्होंने आगे कहा कि वे हम सब के प्राण दाता राष्ट्रहित चिंतक परम पूज्य गुरुदेव ने विधिवत संलेखना विधिपूर्वक धारण कर ली थी पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन के उपवास ग्रहण करते. उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था शनिवार-रविवार की मध्य रात्रि को ब्रह्मलीन हो गये. परम पूज्य गुरुदेव ने पूरी जागृत अवस्था में नश्वर देह का चंद्रगिरी तीर्थ पर बीती रात्रि 2:35 पर त्याग कर दिया वे सभी धर्म संप्रदायों में अत्यंत लोकप्रिय महान संत थे.



संरक्षक रविंद्र सिंह बोहरा ने आगे कहा कि जी गुरुदेव ने मूक माटी जैसे ग्रंथ की रचना की तो वहीं गौ संवर्धन हथकरघा एवं कैदियों के जीवन को परिवर्तित करने का अथक प्रयास किया वे सही मायने में चलते-फिरते तीर्थंकर थे.इस अवसर पर जैन मंदिर में णमोकार मंत्र का वाचन किया गया जैन समाज द्वारा रविवार को सारे प्रतिष्ठान बंद रखे


अंत में सभी ने 2 मिनट का मौन रखकर बिनयांजलि अर्पित कर उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया.


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