Dholpur news: धौलपुर के पुराना शहर के बटऊपुरा निवासी गुलामुद्दीन की सूनी आंखों में एक ही सपना था कि कैसे भी उसे उसके छोटे से आशियाने का पट्टा मिल जाए. नेत्रहीन गुलामुद्दीन अन्य लोगों की तरह बार-बार नगर परिषद और प्रशासन के चक्कर लगाने में भी सक्षम नहीं था. ऐसे में उसके लिए वरदान बनकर आया राज्य सरकार की ओर से लगाया जा रहा प्रशासन शहरों के संग अभियान. जब उपखंड अधिकारी अनूप सिंह के नेतृत्व में प्रशासनिक और नगर परिषद का अमला उसके दर पर पहुंचा और उसे पट्टा दिया तो उसकी सूनी आंखों में भी चमक आ गई.


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एसडीएम सिंह ने बताया कि महंगाई राहत कैम्प और प्रशासन गांवों व शहरों के संग अभियान का उद्देश्य ही लोगों को राहत पहुंचाना है. इस मौके पर तहसीलदार धर्मसिंह, नप आयुक्त संतलाल मक्कड़ व अन्य कार्मिक मौजूद रहे. परिषद प्रशासन ने जमा कराई फीस. गुलामुद्दीन की माली हालत बेहद तंग है. ऐसे में पट्टे की फीस के रूप में लगने वाले एक हजार रुपए भी उसके लिए बड़ी बात थी. यह स्थिति जब नगर परिषद आयुक्त को पता चली तो उन्होंने परिषद स्टाफ के साथ मिलकर पैसे इकट्टे किए और फीस भरी. वहीं नगर मित्र ने भी उसका नक्शा मुफ्त में तैयार किया.


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पेंशन के सहारे जिंदगी
बटऊपुरा निवासी गुलामुद्दीन अकेला ही रहता है. उसके परिवार में कोई अन्य सदस्य नहीं है. सरकार की ओर से मिलने वाली पेंशन के हजार रुपयों से ही उसका घर चलता है. नेत्रहीन होने के बावजूद वह खाना बनाने से लेकर घर के अन्य कार्य भी खुद ही करता है. जब प्रशासनिक अमला उसके घर पहुंचा तो वह खुद ही खाना बनाने में जुटा था.