Dholpur: जगदीप धनखड़ पहुंचे राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल,छात्रों को अच्छे दोस्त बनाने के दी सलाह
Dholpur News: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज एक दिवसीय दौरे पर धौलपुर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल पहुंचे. हेलीपैड पर जिला कलेक्टर और एसपी सहित स्कूल प्रबंधन की ओर से अगुवानी कर स्वागत किया गया.
Dholpur News: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज एक दिवसीय दौरे पर धौलपुर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल पहुंचे. हेलीपैड पर जिला कलेक्टर और एसपी सहित स्कूल प्रबंधन की ओर से अगुवानी कर स्वागत किया गया. राष्ट्रीय मिलिट्री के छात्रों और शिक्षकों को सम्बोधित करने के बाद मुलाकात की. इस दौरान उपराष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी डॉक्टर सुदेश, उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा भी मौजूद रहे.
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका जन्म झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में हुआ लेकिन असली जन्म सैनिक स्कूल में हुआ. मेरे स्कूल ने मेरे जीवन को दिशा दी. मैं आज जो कुछ हूं सैनिक स्कूल की शिक्षा की बदौलत हूं. धनखड ने छात्रों को सलाह दी कि वे अच्छे दोस्त बनाएं और जीवन भर उनसे संपर्क में रहें. उन्होने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि सैनिक स्कूलों की तरह राष्ट्रीय मिलिटरी स्कूल में भी अब लड़कियों को प्रवेश दिया जा रहा है.
उपराष्ट्रपति ने छात्रों को दिया सलाह
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं हमेशा क्लास में टॉपर रहा. पढ़ाई पर बहुत ध्यान दिया. लेकिन अब महसूस करता हूं की मुझे अन्य को-करिकुलर गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए था. पढ़ाई स्कूली शिक्षा का केवल एक भाग है. सांस्कृतिक, खेलकूद व अन्य गतिविधियां भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं. उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि बहुत जरूरी है कि आप देश का हर हिस्सा. देखें. उत्तर पूर्व का भारत अत्यंत सुंदर है, वहां जैसी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता संसार में मिलना कठिन है. उन्होने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज हम जिस हाल में एकत्रित हुए हैं. उसका नामकरण भारत माता के महान सपूत स्वामी विवेकानंद के नाम पर है.
विद्यालय के कार्यक्रम की अध्यक्षता
जिनका शिकागो में ओजपूर्ण भाषण सभी को याद है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के शब्द "उठो, जागो, और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको" आपके लिए आदर्श वाक्य हैं और आपको इस दिशा में निरंतर प्रयास करना चाहिए. मिलिट्री स्कूल धौलपुर के लिए यह गर्व की बात है कि भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ विद्यालय की पावन धरती पर पधारे . विद्यालय के कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए निर्धारित समय के अनुसार उपराष्ट्रपति शजगदीप धनखड़ व डॉ. सुधेश धनखड़ जयपुर से हैलीकॉप्टर के माध्यम से धौलपुर स्थित बाडी रोड एयर स्ट्रिप पर उतरे और वहां से सड़क के माध्यम से विद्यालय के परिसर में पधारे .
जहां मेजर जनरल आर. एस. गोदारा (जी.ओ.सी)
लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शर्मा (प्राचार्य) आर. एम. एस. धौलपुर व समस्त स्टाफ के द्वारा विद्यालय में उनका स्वागत किया, तत्पश्चात छात्रों के द्वारा मुख्य अतिथि को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया . उन्होंने विद्यालय के गार्डन परिसर में पौधा रोपण किया और सभी अतिथियों ने विद्यालय के विवेकानंद सभागार में शिरकत की
यहां विद्यालय की प्रथम गर्ल्स कैडेट्स के बैच द्वारा उनका स्वागत किया गया
उपराष्ट्रपति के समक्ष विद्यालय में गत वर्ष डायमंड जुबिली सेलिब्रेशन के अंतर्गत आयोजित किए गए बिभिन कार्यक्रमो की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया, प्राचार्य ने विद्यालय के द्वारा 60 वर्षो में अर्जित उपलब्धियो के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उपराष्ट्रपति ने विद्यालय के स्टाफ व छात्रों के साथ वार्तालाप किया. इस बातचीत में, उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका जन्म झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में हुआ लेकिन असली जन्म सैनिक स्कूल में हुआ. मेरे स्कूल ने मेरे जीवन को दिशा दी. मैं आज जो कुछ हूं सैनिक स्कूल की शिक्षा की बदौलत हूं.
धनखड ने छात्रों को सलाह दी कि वे अच्छे दोस्त बनाएं और जीवन भर उनसे संपर्क में रहें. उन्होने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि सैनिक स्कूलों की तरह राष्ट्रीय मिलिटरी स्कूल में भी अब लड़कियों को प्रवेश दिया जा रहा है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं हमेशा क्लास में टॉपर रहा. पढ़ाई पर बहुत ध्यान दिया. लेकिन अब महसूस करता हूं की मुझे अन्य को-करिकुलर गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए था. पढ़ाई स्कूली शिक्षा का केवल एक भाग है. सांस्कृतिक, खेलकूद व अन्य गतिविधियां भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं.
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि बहुत जरूरी है कि आप देश का हर हिस्सा. देखें. उत्तर पूर्व का भारत अत्यंत सुंदर है, वहां जैसी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता संसार में मिलना कठिन है.
श्री धनखड़ ने कहा कि हमें अपने वर्दीधारी सैनिकों पर गर्व है
उन्होने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज हम जिस हाल में एकत्रित हुए हैं उसका नामकरण भारत माता के महान सपूत स्वामी विवेकानंद के नाम पर है जिनका शिकागो में ओजपूर्ण भाषण सभी को याद है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के शब्द उठो, जागो, और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको.
आपके लिए आदर्श वाक्य हैं और आपको इस दिशा में निरंतर प्रयास करना चाहिए
उन्होंने छात्रों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने व विद्यालय के साथ-साथ अपने माता पिता का नाम रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया अंत में उन्होंने सैनिक स्कूल चितौड़गढ़ विद्यालय में बताएं अपने दिनों को भी छात्रों के साथ साझा किए और उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि सभी राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल्स अपने छात्रों को शैक्षणिक और व्यक्तिगत रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं और अंत में प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शर्मा ने सभागार में मौजूद सभी अतिथिगण का हृदय से आभार व्यक्त किया और मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेट किए.
यह भी पढ़ें:बारां जिले को मिला पीएम जनमन का लाभ, केंद्र सरकार से 16 सड़कों के निर्माण की मिली मंजूरी