Dungarpur: डूंगरपुर जिले के शराब ठेकेदारों से मासिक बंधी व दर्ज मुकदमों में सेटेलमेंट की एवज में 2 सीआई और 2 कांस्टेबल रिश्वत प्रकरण में जांच के बाद एसीबी की टीम वापस लौट गई है | तीन दिन में डूंगरपुर रहकर एसीबी ने कई गवाहों के बयान दर्ज किए तो कई नए साक्ष्य जुटाए है. हालाकि मामले में एसीबी की डूंगरपुर एसपी की संदिग्ध भूमिका को लेकर उनके अभी तक कोई पूछताछ नहीं की गई है. एसीबी सभी साक्ष्य को पुख्ता करने के बाद ही आगे की कार्रवाई करेगी. 


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दरअसल जयपुर व अमजेर एसीबी की संयुक्त टीम ने 16 जून को 3 लाख 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते कोतवाली सीआई दिलीपदान चारण, धंबोला सीआई भैयालाल आंजना, कांस्टेबल भोपाल सिंह और कांस्टेबल जगदीश को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जबकि तलाशी में कोतवाली थाने में रखी कांस्टेबल भोपाल सिंह की अलमारी से रिश्वत में लिए 5 लाख रुपए भी बरामद किए थे. ये रिश्वत एसपी के नाम पर ली जा रही थी. दोनों सीआई और 2 कांस्टेबल को एसीबी कोर्ट ने जेल भेज दिया था. 


वहीं, मामले की जांच एसीबी के एएसपी चन्द्रशील ठाकुर को दी गई थी. इसी के तहत जांच के लिए एसीबी के एडिशनल एसपी चंद्रशील ठाकुर समेत टीम 22 जून को डूंगरपुर आई थी. एसीबी की टीम ने शराब व्यापारी चंदूलाल फौजी और नरेंद्र सिंह से पूछताछ की. वहीं केस से जुड़े कई सबूत जुटाए. इसके अलावा रिश्वत प्रकरण से जुड़े सभी गवाहों के बयान भी टीम द्वारा दर्ज कर लिए गए. वहीं एसीबी ने सीसीटीवी फुटेज को भी साक्ष्यों के रूप में लिया है. हालाकि एसीबी की ओर से किन-किन लोगों के बयान लिए है. इसके बारे में अभी नहीं बताया है. 


एएसपी चंद्रशील ठाकुर ने बताया कि अभी एसपी सुधीर जोशी से पूछताछ नहीं हुई है. मामले में अभी आरोपी सीआई और कांस्टेबल से भी पूछताछ होगी. इसके बाद रिश्वत केस की पूरी रिपोर्ट एसीबी मुख्यालय को पेश की जाएगी. वहीं सबूतों के आधार पर आगे एसपी से पूछताछ होगी. ऐसे में पुलिस अफसरों की निगाहे भी रिश्वत केस की हर कड़ी और जांच पर टिकी हुई है.
Report- Akhilesh Sharma


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