Dungarpur news: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में 18 हजार से अधिक कॉलेज विद्यार्थीयों को पिछले दो साल से छात्रवृत्ति का इन्तजार है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत मिलने वाली कॉलेज विद्यार्थियो को बजट के अभाव में उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पाया है. ये राशि करीब 23 करोड़ रुपए की है. इसमें सर्वाधिक एसटी वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या सबसे अधिक है. इधर छात्रवृत्ति नहीं मिलने से परेशान कॉलेज विद्यार्थी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है.


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 डूंगरपुर जिले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कॉलेज विद्यार्थियो को उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है. जिसके चलते डूंगरपुर जिले में प्रतिवर्ष प्रत्येक वर्ग के करीब 27 हजार विद्यार्थियो को छात्रवृत्ति दी जाती है. लेकिन डूंगरपुर जिले में एसटी सहित अन्य वर्ग के कॉलेज विद्यार्थियों को पिछले दो वित्तीय वर्ष वर्ष 2021-22 और 2022-23 की छात्रवृत्ति के भुगतान का इन्तजार है. जिसकी राशि करीब 23 करोड़ रुपए बताई जा रही है.


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किस वित्तीय वर्ष में किस वर्ग की कितनी बकाया
वर्ष 2021-22
वर्ग संख्या
एसटी 2352


ओबीसी 24
एसबीसी 9


ईबीसी 12
कुल 2397
वर्ष 2022-23
वर्ग संख्या
एसटी 1500


ओबीसी 355
एसबीसी 295


ईबीसी 1
एससी 162


कुल 15813


ये बताया जा रहा कारण
डूंगरपुर जिले के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अशोक शर्मा ने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण एक तो बजट का अभाव है. उन्होंने बताया की एसटी वर्ग की छात्रवृत्ति का बजट केंद्र से नहीं आया है. उन्होंने बताया की सब विद्यार्थियो के बिल बनाकर भेजे हुए है.


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विद्यार्थी परेशान
कॉलेज विद्यार्थियों ने बताया कि जनजाति क्षेत्र होने के चलते आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के लिए सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति पर ही निर्भर है। लेकिन इन कॉलेज विद्यार्थियो को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया की छात्रवृत्ति को लेकर वे कालेजो व समाज कल्याण विभाग के कई बार चक्कर काट चुके है. लेकिन उन्हें अभी तक कही से भी राहत नहीं मिली है. बहराल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी जल्द ही बकाया छात्रवृत्ति के भुगतान के दावे कर रहे है. खेर अब देखने वाली बात होगी की छात्रवृति का भुगतान कब तक हो पाता है या बकाया छात्रवृत्ति के लिए हजारो कॉलेज विद्यार्थियों को और भटकना पड़ेगा.