Dungarpur: डूंगरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. डूंगरपुर जिले के एक डॉक्टर के लगातार 6 माह से अनुपस्थित रहने के बावजूद ब्लाक सीएमएचओ कार्यालय डूंगरपुर ने तीन माह की सैलरी उसके खाते में जारी कर दी है. जबकि इसी डॉक्टर को दिल्ली पुलिस नकली दवा फैक्ट्री के मामले में नवम्बर माह से तलाश भी कर रही है. इधर मामला सामने आने के बाद डूंगरपुर सीएमएचओ ने सैलरी रिकवरी की प्रोसेस शुरू कर दी है. वहीं अनुपस्थित रहने के बाद भी सैलरी भेजने के मामले की जांच के लिए जांच टीम का गठन किया है.


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मामले के अनुसार डूंगरपुर ब्लाक चिकित्सा विभाग के अधीन सुराता पीएचसी में डॉ अनिल जायसवाल पदस्थापित था. डॉ अनिल विभाग को बिना कोई सूचना दिए जुलाई 2022 से अनुपस्थित चल रहे थे. इसी दौरान भारत सरकार की नारकोटिक्स विभाग ने दिल्ली में नवम्बर माह में एक दवा फैक्ट्री में छापा मारकर बड़ी मात्रा में कैंसर की नकली दवाइया निर्माण पर कार्रवाई की थी और एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का खुलासा किया था. 


इस मामले में डूंगरपुर जिले के सुराता पीएचसी में कार्यरत डॉ अनिल जायसवाल का नाम भी सामने आया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस डॉ अनिल की तलाश कर रही थी. वही दिल्ली पुलिस डॉ अनिल के सभी बेंक खातो, एटीएम और मोबाइल नम्बर की निगरानी कर रही थी. इसी बीच जनवरी 2023 में डूंगरपुर ब्लाक सीएमएचओ कार्यालय की ओर से तीन माह की सैलरी डॉ अनिल जायसवाल के खाते में जमा करवाई गई.


खाते में राशि जाते ही दिल्ली पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से किया था सम्पर्क 


इधर डॉ अनिल जायसवाल के खाते में राशी जमा होने की सुचना दिल्ली पुलिस को मिलते ही डूंगरपुर जिले के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ कांतिलाल पलात को दी थी. लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई और फ़रवरी माह में डॉ पलात रिटायर हो गए और मामला ठन्डे बस्ते में चला गया.


डूंगरपुर ब्लाक सीएमएचओ कार्यालय की रही बड़ी लापरवाही


डूंगरपुर ब्लाक में कार्यरत डॉ अनिल जायसवाल के लगातार अनुपस्थित रहने के बावजूद और उसके खाते में तीन माह की सेलरी जमा होने के पीछे डूंगरपुर ब्लाक सीएमएचओ कार्यालय की लापरवाही देखने को मिली है. हालाकि इस मामले में जब वर्तमान डूंगरपुर जिले के सीएमएचओ डॉ अलंकार गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने इसे तकनिकी खामी बताया है. हालाकि उन्होंने जमा करवाई गई सेलरी की रिकवरी प्रोसेस शुरू करवा दी है. वही पूरे मामले की जांच के लिए जांच टीम का भी गठन किया गया है. 


जांच रिपोर्ट के आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी


बहरहाल डूंगरपुर सीएमएचओ पूरे मामले की जांच के लिए जांच टीम का गठन तो कर दिया है. लेकिन जनवरी माह में जमा हुई सेलेरी और सुचना देने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना डूंगरपुर ब्लोक सीएमएचओ कार्यालय की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा होते है. खेर अब देखने वाली बात होगी की जांच के बाद क्या कार्रवाई इस मामले में अमल में लाइ जाती है.


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