Dungarpur news: राजस्थान में डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा सीएचसी उस क्षेत्र की सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. सरकार की ओर से सीएचसी का नया भवन तैयार किया गया है. वहीं संसाधन भी मौजूद है, लेकिन सीमलवाड़ा सीएचसी में डॉक्टर्स का अभाव है. सीमलवाडा सीएचसी में डॉक्टर्स के 9 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से चार डॉक्टर्स पदस्थापित हैं. लेकिन चार में से 2 डॉक्टर अवकाश पर चल रहे हैं. ऐसे में दो डॉक्टर्स के भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा है. इधर दो ही डॉक्टर के होने से अस्पताल का कामकाज प्रभावित हो रहा है. 


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सीमलवाडा सीएचसी के डॉ सुभाष रोत ने बताया की सीमलवाडा सीएचसी में प्रतिदिन 200 की ओपीडी रहती है. वहीं प्रतिदिन 10 केस डिलीवरी के आते हैं. लेकिन दो डॉक्टर होने से इन सब कामों को देखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में आने वाले मरीजों को घंटो तक दिखाने का इंतजार करना पड़ता है. वहीं इस दौरान कोई इमरजेंसी केस आ जाए तो मरीजों को बिना दिखाए ही जाना पड़ता है. वहीं मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पताल और गुजरात की ओर रुख करना पड़ता है. 


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जिससे मरीजों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता है. बहराल राज्य सरकार स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर सुविधाओं के दावे कर रही हो लेकिन डूंगरपुर जिले के राजस्थान-गुजरात सीमा से सटे सीमलवाडा क्षेत्र की सीएचसी में डॉक्टर के अभाव के चलते मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. डॉक्टर के अभाव में काम काज भी प्रभावित है. खैर अब देखने वाली बात यह होगी कि डूंगरपुर स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार इस मामले में मरीजों को कब तक राहत दे पाता है.