Dungarpur: आसपुर थाना क्षेत्र के पचलासा छोटा गांव के बहुचर्चित रामु उर्फ रमु उर्फ रामेश्वरी को ज़िंदा जला देने के मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गढ़वाल ने आज सोमवार को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया है.


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लोक अभियोजक आजाद शाह ने बताया की कोर्ट ने पचलासा छोटा निवासी कल्याणसिंह पुत्र गौतमसिंह, गजेंद्रसिंह उर्फ गजराजसिंह पुत्र किशोरसिंह, रणजीतसिंह पुत्र गौतमसिंह सिसोदिया, प्रवीणसिंह और ईश्वरसिंह पुत्र भैरूसिंह सिसोदिया को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया है.कोर्ट ने पांचों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, पांचों दोषियों पर 3 लाख 1 हजार रुपए का अलग अलग जुर्माना लगाया है. वही कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में 21 आरोपियों को बरी कर दिया गया.


जला दिया था जिंदा


लोक अभियोजक आजाद शाह ने बताया कि पचलासा छोटा निवासी कलावती देवी बेवा कचरुलाल सेवक ने 5 मार्च 2016 को थाना आसपुर में दी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. कलावती ने बताया था की उसके 2 बेटे और 3 बेटियां हैं. उसके बड़े लड़के प्रकाश ने करीब 7 - 8 साल पहले पचलासा छोटा निवासी विजयसिंह पुत्र पहाड़ सिह कि बेटी रामु उर्फ रमु उर्फ रामेश्वरी से प्रेम विवाह किया था तब से वह बाहर ही रह रहा था.


7 साल बाद 3 मार्च 2016 को बेटा प्रकाश की पत्नी रामू उर्फ रमु उर्फ रामेश्वरी अपनी छोटी बेटी को लेकर वापस घर पर आई. तब से घर पर ही थी. 4 मार्च 2016 की शाम के समय छोटे बेटे जितेन्द्र की पत्नी भावना चोक में बैठे थे. रमु बाथरूम में थी. 


अचानक विजयसिह का लडका लक्ष्मणसिंह व उसके भाई का लडका प्रवीणसिह व उनके परिवार के 30 से 35 लोगों को साथ लेकर आए. घर से रमु को प्रवीणसिंह व लक्ष्मणसिह व अन्य हाथ पकड़ कर खिचकर मारपीट करते हुए ले गए. गांव के चौराहे पर लक्ष्मीनारायण मन्दिर के सामने ले जाकर मारपीट कर कैरोसीन डालकर जला कर मार दिया था.


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