Dungarpur News: डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा के एक निजी कॉलेज में एक ट्रांसजेंडर को एडमिशन दिया गया है. किसी भी ट्रांसजेंडर के कॉलेज एडमिशन का ये प्रदेश में दूसरा और आदिवासी इलाके में पहला मामला है. 12वीं की पढ़ाई के बाद ट्रांसजेंडर 8 साल तक कॉलेज में एडमिशन के लिए सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों के चक्कर काटती रही, लेकिन कहीं एडमिशन नहीं मिला. अब 8 साल बाद अब कॉलेज में एडमिशन से ट्रांसजेंडर खुश हैं.


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डूंगरपुर जिले के कोकापुर निवासी 27 वर्षीय यशवंती पाटीदार को आज मंगलवार को सागवाड़ा के गुरुकुल कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर में एडमिशन दिया गया है. यशवंती ने बताया कि उन्होंने पहली से पांचवी तक स्वामी विवेकानंद स्कूल पाड़वा में पढ़ाई की. इसके बाद कक्षा 6 से 12वीं तक मामा के घर पाड़वा की सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. आगे की पढ़ाई के लिए वह कई कॉलेजों में गईं पर किसी ने एडमिशन नहीं दिया.



उन्होंने कहा कि वह कॉलेज में एडमिशन के लिए जाती तो हर कोई उन पर हंसता और बात को टाल देता. इस वजह से 8 साल तक उनकी आगे की पढ़ाई छूट गई, लेकिन पढ़ाई को लेकर उनका जज्बा खत्म नहीं हुआ. इस बार फिर से उन्होंने कॉलेज में एडमिशन के लिए नए सिरे से प्रयास किए. वह सागवाड़ा के गुरुकुल कॉलेज में प्रबंधक से मिली. प्रबंधक भरत जोशी ने ट्रांसजेंडर के एडमिशन की बात सुनते ही हामी भर दी.



भरत जोशी बताते हैं कि इस तरह का राजस्थान में दूसरा और जिले का पहला मामला है. जहां किसी ट्रांसजेंडर को कॉलेज में एडमिशन दिया गया है. ट्रांसजेंडर यशवंती ने वर्ष 2021-22 में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए परीक्षा दी थी पर जनरल कैटेगिरी से एडमिशन नहीं मिल पाया. यशवंती ने बताया कि उनके गुरू नूर शेखावत ने उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया. वे ट्रांसजेंडर्स के हक लिए लड़ रही हैं और सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. उनके साथ उनके गांव की सरपंच आराधना ननोमा, पवित्र जोशी, भंवर सिंह चुंडावत साथ आए थे.