Health News: नाक बहना एक आम दिक्कत है. एलर्जी, जुकाम, सर्दी और अन्य परेशानी होने पर नाक से पानी आता है, लेकिन अगर नाक से बिल्कुल पतला बिना चिपचिपाहट का साफ पानी आता है, तो इसे इग्नोर ना करें और ध्यान दें. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर नाक से पतला व बिना चिपचिपाहट पानी आता है और एक ही साइड से टपकता है, तो इस पर ध्यान दें क्योंकि ये पानी दिमाग का पानी सेरब्रोस्पाइनल फ्लूड हो सकता है. सेरब्रोस्पाइनल फ्लूड दिमाग की संरचनाओं के बीच का एक विशेष द्रव्य है. 


यह भी पढ़ेंः ज्यादा लीची खाने वाले दें ध्यान, हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताए ये 5 बड़े नुकसान
 
दरअसल सेरब्रोस्पाइनल फ्लूड दिमाग की संरचनाओं के बीच का एक विशेष द्रव्य है. यह द्रव्य इलेक्ट्रोलाइट, ग्लूकोज व अन्य अवयवों से मिलकर दिमाग में बनता है. जानकारी के मुताबिक, ये हर रोज आधा लीटर बनता है क्योंकि नाक की ऊपरी सतह दिमाग से जुड़ी हुई होती है. इसी वजह से कई बार यह पानी नाक से टपकने लग जाता है. इसे सीएसएफ राइनोरिया कहा जाता है.


इसका ये है कारण
सिर या दिमाग पर चोट लगने और इन हिस्सों के ऑपरेशन इस दिक्कत का कराण हो सकते हैं.  इसके अलावा अन्य कारण ट्यूमर, मस्तिष्क में दबाव बढ़ना और जन्मजात की परेशानी भी हो सकती हैं. वहीं, इसका लक्षण नाक से पतला और बना चिपचिपा पानी आना है. 


यह भी पढ़ेंः ये खूबसूरत लड़की जया किशोरी से हुई प्रेरित, 17 साल की उम्र में बनी कथावाचक


इसकी जांच और इलाज 
नाक की जांच दूरबीन से होती है. इसके अलावा सीटी स्कैन या एमआरआई भी किया जाता है. संदेह लगने पर नाक से आने वाले पानी को एक शीशी में इकट्ठा करना चाहिए और इसकी जांच जैसे बीटा ट्रांसफेरीन तत्त्व करवानी चाहिए. इस परेशानी में सिर ऊंचा रखना चाहिए.  अगर ये कुछ दिनों में दवाईयों से ठीक नहीं होता है, तो इसकी  सर्जरी की जाती है.