Rajasthan Culture : राजस्थानी कला - संस्कृति और पारंपरिक तीज त्यौहार से युवा पीढ़ी को जोड़ने के उद्देश्य को लेकर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गेलोर 2022 का आयोजन किया जा रहा है. इसमें मौजूदा वक्त में लुप्त होती जा रही राजस्थानी कला - संस्कृति और तीज त्योहारों पर चर्चा हुई. खास तौर पर युवाओं के ज्यादा से ज्यादा हमारी संस्कृति से जोड़ा इस पर टॉक शो में आये सभी अतिथियों ने अपने अपने विचार रखे.


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कार्यक्रम के आयोजक डॉ मनीषा सिंह ने बताया कि राजस्थानी कला - संस्कृति और तीज त्योंहार आपनी खासा पहचान रखते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में युवा पीढ़ी आधुनिकता के इस दौर में कला - संस्कृति और तीज पारम्परिक त्योहारों से दूर जोती जा रही है. आधुनिकता की इस चकाचौंध में ये लुप्त इस होती कला संकृति और युवाओं को इससे जोड़ने के लिए मान द वेल्यू फाउंडेशन पिछले 10 सालों से गैलोर सीरीज के जरिये अलग अलग कार्यक्रम करता आ रहा है.


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इस वर्ष फाउंडेशन की ओर से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में यूथ ऑफ फेस बूंदी राजपरिवार की महारानी मयूराक्षी कुमारी ने कहा कि संयुक्त परिवार का विघटन ही युवा पीढ़ी को संस्कृति और परम्पराओ से दूर ले जा रहा है , उन्होंने कहा कि नई टेक्नोलॉजी का उपयोग हम हमारी कला संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं.


टॉक शो में विशेष स्पीकर के रूप में आमंत्रित कॉपरेटिव सर्विसेज की आरएएस अभिलाषा पारीक ने राजस्थानी भाषा को अधिक से अधिक घर मे बोलने पर जोर दिया. डॉ मनीषा ने बताया कि राजस्थानी कला संस्कृति के क्षेत्र में विशेष रूप से अपनी पहचान रखने वाली सीमा मिश्रा , सुमन सिसोदिया , स्वाति बिड़ला , मीनाक्षी राठौड़ , पूनम कंवर को मान द वैल्यू फाउंडेशन की और से सम्मानित किया गया.


Reporter- Anup Sharma


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