आक्रोश: वीरांगनाओं के समर्थन में BJP का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प में पूनिया घायल, दी गिरफ्तारी
Jaipur News: वीरांगनाओं पर पुलिस कार्रवाई और सांसद किरोड़ीलाल मीणा के साथ पुलिस के रवैये के खिलाफ बीजेपी ने राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर आक्रोश प्रदर्शन किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से सीएम आवास का घेराव करने के लिए कूच किया. लेकिन पुलिस ने बाइस गोदाम सर्किल से पहले रोक लिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बेरिकेडिंग तोड़ दी.
Jaipur News: वीरांगनाओं पर पुलिस कार्रवाई और सांसद किरोड़ीलाल मीणा के साथ पुलिस के रवैये के खिलाफ बीजेपी ने राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर आक्रोश प्रदर्शन किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से सीएम आवास का घेराव करने के लिए कूच किया. लेकिन पुलिस ने बाइस गोदाम सर्किल से पहले रोक लिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बेरिकेडिंग तोड़ दी. पुलिस वाहनों पर पथराव किया और पुलिस बल से झड़प भी हुई. इससे बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कई कार्यकर्ताओं के चोटें आईं. इसके बाद पूनिया सहित बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दीं.
जयपुर में पिछले दस दिन से धरने पर बैठी वीरांगनाओं को पुलिस ने शुक्रवार तड़के कार्रवाई कर जबरन उठाया. इसके बाद सांसद किरोड़ीलाल मीणा वीरांगना मंजू से मिलने अमरसर जा रहे थे. रास्ते में सामोद थाने के बाहर पुलिस ने सांसद मीणा के साथ दुर्व्यवहार किया. वहीं रात को भरतपुर सांसद रंजीता कोली के साथ भी पुलिस ने अभद्रता की.
इसको लेकर बीजेपी ने सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन का आह्वान किया था. सुबह 11 बजे कार्यकर्ता बीजेपी कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए. इनमें बीजेपी कार्यकर्ताओं से ज्यादा किरोड़ीलाल मीणा के समर्थक ज्यादा थे. वहां बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश माथुर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित विधायक-सांसदों की मौजूदगी में वक्ताओं ने सांसदों पर पुलिस कार्रवाई पर आक्रोश जताया और कांग्रेस को सबक सिखाने की बात कही.
बीजेपी कार्यालय के बाहर सभा के बाद कार्यकर्ताओं ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और अन्य नेताओं की अगुवाई में सीएम हाउस के घेराव के लिए कूच किया. पहले सिविल लाइन्स की तरफ गए कार्यकर्ता और बाइस गोदाम की ओर बढ़े. बाइस गोदाम सर्किल से पहले पुलिस बेरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोक लिया. इस दौरान किरोड़ी समर्थक कार्यकर्ताओं ने पुलिस वाहनों पर पथराव भी किया.
पुलिस ने दो स्तरीय बैरिकेडिंग लगाई थी जिसे कार्यकर्ताओ ं पार कर लिया. इसके बाद पुलिस ने छह स्तरीय बेरिकेडिंग लगाई थी. इसके साथ ही भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोक लिया और पीछे धकेलने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कई कार्यकर्ताओं के चोटें आई.
गिरफ्तारियां दी, पुलिस ने दूर ले जाकर छोड़ा
पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं मानें. इसके बाद पुलिस ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक मदन दिलावर, रामलाल शर्मा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर बसों में बिठा लिया. इस दौरान कार्यकर्ता सड़कों पर लेट गए और बसों को आगे नहीं बढ़ने दिया. करीब दो घंटे की जद्दोजहद के बाद कार्यकर्ताओं को सड़क से हटाकर बसों को रवाना किया गया. इसके बाद उन्हें विद्याधर नगर थाने ले जाकर छोड़ा गया.
आपतकाल जैसे हालात- पूनिया
मीडिया से बातचीत में डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि, कांग्रेस शासन में राजस्थान में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हैं, वीरांगानाओं और सांसद किरोडी लाल मीणा एवं सांसद रंजीता कोली के साथ पुलिस द्वारा किये गए दुव्र्यवहार की भाजपा कडी निंदा करती है, गहलोत सरकार वीरांगनाओं और सांसदों के अपमान पर उतर आयी है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर इस तरह का दमनचक्र पहली बार देखा है. उन्होंने कहा कि, वीरांगानाओं, किरोडी लाल मीणा और रंजीता कोली के साथ किये गए दुर्व्यवहार के अपमान का बदला पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता लेगा.
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने पेपर लीक में राजस्थान के युवाओं के सपनो को तोड़ा, वीरांगनाओं को अपमानित करने का काम किया, सांसद किरोड़ी लाल और सांसद रंजीता कोली सहित तमाम नेता और पार्टी कार्यकर्ता जब वीरांगनाओं की लड़ाई लड़ते हैं तो पुलिस प्रताड़ित करती है, यह सामान्य लड़ाई नहीं है, स्वाभिमान और उसूलों की लड़ाई है.
15 मार्च से जिला कलेक्ट्रेटों पर प्रदर्शन
डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि, संपूर्ण किसान कर्जमाफी, बिगडी कानून व्यवस्था, पेपरलीक, महिला सुरक्षा, वीरांगनाओं के मुददे इत्यादि जनहित के मुददों को लेकर भाजपा 15 मार्च से जिला कलेक्ट्रेटों का घेराव कर आंदोलन करेगी, यह आंदोलन 15 मार्च से शुरू होकर आगामी दिनों तक चलेंगे, जो प्रदेशभर में सभी 33 जिला मुख्यालयों पर होंगे.