Jaipur: प्रदेश सरकार ने दो बड़े मामले के तहत एक्शन लेते हुए पहले दौसा एसपी को हटा दिया है. इसके साथ ही सीओ को भी एपीओ कर दिया गया है. लालसोट एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है. चूंकि लालसोट में महिला डॉक्टर ने दबाव में आकर खुदकुशी कर ली. इसके बाद से प्रदेश भर में निजी अस्पताल संचालक और डॉक्टर सड़कों पर उतर गए हैं और हड़ताल शुरू कर दी है. 


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चूंकि दौसा जिले के लालसोट कस्बे में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा उपाध्याय ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उनके खिलाफ सोमवार को उनके निजी अस्पताल में एक गर्भवती की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया था. पुलिस का कहना है कि ऐसी संभावना है कि 42 वर्षीय डॉक्टर अर्चना शर्मा ने मामला दर्ज होने के बाद  दहशत में यह कदम उठाया था.


बताया जा रहा है कि लालसोट सोमवार को ईलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत हो गई थी. महिला गर्भवती थी और डिलीवरी के लिए आई थी. उसे पीबीएच हुआ था. इसी के कारण पूर्व में स्मिता पाटिल की भी मौत हो गई थी. उन्हें भी डॉक्टर बचा नहीं पाये थे. उन्होंने कहा कि प्रसूता को यह प्रसव या सिजेरियन के बाद हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद मरिज के परिजनों, वहां के प्रशासन, पुलिस और मीडिया ने काफी फोर्स किया.


इसके चलते डॉ. अर्चना का मन इतना विचलित हुआ कि उन्होंने सुसाइड कर लिया, जबकि डॉक्टर अर्चना ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनकी कोई गलती नहीं थी. मरिज को बीपीएच हुआ था, उसने बचाने की पूरी कोशिश की थी. डॉक्टर काबरा ने कहा कि डॉक्टर अर्चना पर हत्या का केस लगाया गया. जिससे विचलित और मानसिक रूप से प्रताड़ित होने के बाद उन्होंने सुसाइड कर लिया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स को अगर इस तरह से प्रताड़ित किया जायेगा तो वे इलाज करने से डरेंगे.