Jaipur : परिवहन विभाग में अब निजी फिटनेस केन्द्रों का एक नया माफिया पनप चुका है. जयपुर शहर में तो बाकायदा पूलिंग कर वाहनों की फिटनेस प्रमाण पत्र की दरें तय कर दी गई हैं और प्रत्येक वाहन से 1500 से 2500 रुपए तक अतिरिक्त लिए जा रहे हैं. बड़ी बात यह है कि परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव के आदेशों के बावजूद केवल चुनिंदा केन्द्रों पर ही कार्रवाई की गई है. 


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28 जून को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार ने विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेशभर के आरटीओ-डीटीओ से साफ कहा था कि फिटनेस केन्द्रों पर गड़बड़ियों को लेकर भारी शिकायतें हैं. 2 सप्ताह में पूरे प्रदेश के फिटनेस केन्द्रों की जांच कर रिपोर्ट परिवहन मुख्यालय भेजने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. प्रमुख सचिव की इस बैठक को ढाई माह का समय बीत चुका है. परिवहन विभाग ने प्रदेशभर के सभी 82 फिटनेस केन्द्रों की जांच तो करवा ली, लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर ली गई है. दरअसल परिवहन विभाग ने 24 अगस्त को और इसके बाद 4 सितंबर को फिटनेस केन्द्रों पर कुल 9 फिटनेस केन्द्रों पर कार्रवाई की है.


इनमें से मात्र 4 फिटनेस केन्द्रों का निलंबन किया गया है और 5 फिटनेस केन्द्रों की 1 लाख रुपए की राशि जब्त की गई है. जिन 4 फिटनेस केन्द्रों का निलंबन किया गया है, उनमें से 3 को तो मात्र 15 दिन के लिए, जबकि 1 को एक महीने के लिए निलंबित किया गया है. जब्त सिक्योरिटी राशि मात्र 1 लाख रुपए है. ऐसे में इस कार्रवाई को खानापूर्ति माना जा रहा है.



जानिए, कैसे की गई कार्रवाई की खानापूर्ति ?


  • परिवहन विभाग ने माना 20 से अधिक फिटनेस केन्द्रों में गड़बड़ियां मिली

  • जयपुर आरटीओ प्रथम के अधीन 4 केन्द्र में से 3 में गड़बड़ियां मिली

  • स्पीडलाइन ऑटो फिटनेस प्राईवेट लिमिटेड जगतपुरा, जयपुर व्हीकल फिटनेस सेंटर सीतापुरा

  • और शांति व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग सेंटर अजमेर रोड में मिली थी भारी गड़बड़ियां

  • आरटीओ प्रथम डॉ. विरेन्द्र सिंह ने तीनों फिटनेस केन्द्रों की गड़बड़ियों की रिपोर्ट दी थी

  • इनमें से मात्र शांति व्हीकल फिटनेस सेंटर को 1 माह के लिए निलंबित किया

  • जयपुर व्हीकल की मात्र 1 लाख की सिक्योरिटी मनी जब्त कर छोड़ दिया

  • नियमानुसार स्पीडलाइन और जयपुर व्हीकल दोनों का भी निलंबन होना चाहिए था

  • जयपुर आरटीओ द्वितीय के अधीन तिरुपति एसोसिएट्स में पाई गई भारी गड़बड़ियां

  • इसी तरह शाहपुरा के वत्सल फिटनेस सेंटर में मिली थी गड़बड़ियां

  • दोनों की गड़बड़ियों की रिपोर्ट आरटीओ द्वितीय धर्मेन्द्र चौधरी ने दी थी

  • दोनों में से अभी किसी भी फिटनेस केन्द्र पर कार्रवाई नहीं की गई


2 सप्ताह की जांच के बाद जिन 20 फिटनेस केन्द्रों में गड़बड़ियों की बात परिवहन विभाग ने स्वीकार की थी, उनमें से केवल 9 पर ही कार्रवाई की गई है. बचे हुए एक दर्जन फिटनेस केन्द्रों पर परिवहन विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. रोचक बात यह है कि पहले जहां फिटनेस केन्द्रों पर बगैर वाहन लाए और वाहनों की जांच किए बगैर फिटनेस करने के मामले सामने आ रहे थे. अब फिटनेस केन्द्रों पर वाहन मालिकों से अधिक पैसे वसूलने के प्रकरण सामने आ रहे हैं.


गड़बड़ियां कैसी-कैसी ?


  1. फिटनेस केन्द्रों द्वारा वाहन मालिकों से फिटनेस के अधिक पैसे लिए जा रहे

  2. जयपुर शहर में फिटनेस केन्द्रों का एक पूल बनाया गया

  3. यदि कोई वाहन मालिक अधिक पैसे नहीं देता तो उसकी सूचना ग्रुप में दी जा रही

  4. ऐसे वाहन की किसी भी केन्द्र पर नहीं की जाती फिटनेस

  5. मजबूरी में वाहन मालिकों को अधिक पैसे देने पड़ रहे

  6. फीस के अलावा एलएमवी से 1500 रुपए, हैवी व्हीकल से 2500 रुपए अधिक ले रहे


इस पूरे मामले में रोचक बात यह है कि परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार के जिन सख्त निर्देशों के बाद फिटनेस जांच केन्द्रों की जांच शुरू की गई थी, वह अब तक केवल खानापूर्ति साबित हुई है. फिटनेस केन्द्र जिस तरह माफिया के रूप में कार्य कर रहे हैं, उस पर अभी तक रोक नहीं लग सकी है. निजी फिटनेस केन्द्रों की मनमानी पर रोक तभी लग सकती है, जब परिवहन विभाग बजट घोषणा के तहत सरकारी परिवहन कार्यालयों में फिटनेस केन्द्र शुरू करे.


Reporter- Kashiram Choudhary


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