Jaipur: प्रदेश में पंचायतीराज और निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की ओर से हलफनामे में गलत तथ्य पेश किए गए तो अब खैर नहीं है. राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने इसको लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अभी तक प्रत्याशियों की ओर से हलफनामे को हल्के में लिया जाता था. इसमें कई जगह रिटर्निंग अधिकारी भी लापरवाही कर जाते हैं. अगर भविष्य में ऐसे मामले सामने आते हैं तो उनके खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि एफिडेविट में गलत फैक्ट्स दिए जाने पर वो मामला आयोग के सामने आता है तो उसमें प्रत्याशी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. इसके साथ ही ऐसे मामलों में नामांकन के दौरान प्रस्तावक बनने वाले लोग भी बच नहीं पाएंगे. प्रस्तावकों पर भी ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग उम्मीदवारों की ओर से पेश किए जाने वाले झूठे शपथ पत्र को पकड़ पाने में नाकाम रहने वाले आरओ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेगा. 


उन्होंने कहा कि कई अधिकारी गलत तथ्य पेश करने को हल्के में लेते हैं तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव कराना है. अगर अधिकारी ही ऐसे मामलों में निष्पक्ष नहीं रहते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय है. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसा मामला ध्यान में आने पर आयोग आरओ ओर कलक्टर को सूचना देने के साथ ही खुद भी कार्रवाई कर सकेगा. अभी तक आयोग कलक्टर को ही सूचना देता आया है.


उन्होंने कहा कि पंचायतीराज के चुनाव में संतान संबंधी ओर आपराधिक पृष्ठभूमि के साथ ही संपति को लेकर शपथ पत्र लिए जाते हैं. जिसमें कई बार प्रत्याशी इन सूचनाओं को देने की बजाय उन्हें छुपा लेते हैं. बाद में ये मामले कोर्ट तक जाते रहते हैं और वहां कामकाज प्रभावित होते हैं. इसके साथ ही भविष्य में होने वाले चुनावों में उन्होंने नामांकन पत्रों की जांच में ज्यादा दिए जाने के भी संकेत दिए हैं ताकि नामांकन पत्रों की जांच स्पष्ट रूप से हो सके. 


इसके साथ ही उन्होंने आरओ को निर्देश दिए हैं कि आपको गलत तथ्य का आभास होने पर तत्काल थाने या संबंधित निकाय या पंचायत समिति से भी उनसे जुड़े डाटा लिए जा सकते हैं. उन्होंने मीडिया से अपील की वे स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सम्पादित करवाने में झूठे शपथ पत्र से संबंधित प्रावधानों का प्रचार-प्रसार भी करें.


17 नवगठित नगर पालिकाओं में चुनाव के लिए चल रही प्रक्रिया


प्रदेश में 17 नवगठित नगर पालिकाओं में आरक्षण के प्रावधान के चलते रूकी हुई प्रक्रिया को जल्द अमल में लाने की बात उन्होंने कही. उन्होंने कहा कि चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के चलते रूके हुए हैं. इस मामले में मैंने महाराष्ट्र और हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयोग में भी बात की है. वहां की चुनाव प्रक्रिया भी मैंने देखी है. सरकार को भी पत्र भेज रखा है. जल्द चुनाव प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी.


जयपुर ग्रेटर निगम महापौर चुनाव प्रक्रिया में सरकार का दखल नहीं


राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि ग्रेटर महापौर पद पर चुनाव का कार्यक्रम आयोग ने जारी किया है. बहुत दिनों से पद खाली था, ज्यादा लंबे समय तक पद खाली नहीं रख सकते. कोर्ट का निर्देश आया तो तत्काल चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई. सरकार के दखल पर कहा कि आयोग स्वतंत्र बॉडी है, इसमें सरकार का कोई दखल नहीं है. कोर्ट में मामला होने के सवाल पर कहा कि कोर्ट में मामला बहुत दिनों से था. 


सालों साल कोर्ट में मामला चलने पर पद खाली नहीं छोड़ा जा सकता. हमने प्रक्रिया शुरू की तो कोर्ट ने भी तत्काल सुनवाई की. जहां जहां भी पद खाली हैं सरकार का उसमें कोई रोल नहीं है आयोग अपने हिसाब से चुनाव कार्यक्रम जारी करता है. ज्यादा दिनों तक पद खाली रखने से लोगों को कैसे लोकतंत्र मिल पाएगा.


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