Sikar News: केरल की बेटी और राजस्थान की बहू ने ब्यूटी प्रतियोगिता ‘मिसेज इंडिया वन इन मिलियन’ में भाग लिया और कॉन्टेस्ट जीत अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया, जिनका नाम अभिनी सुस्मित है, वे टोंक के देवली के CISF नवीं रिजर्व बटालियन में सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात हैं. अभिनी सुस्मित ने गोल्ड कैटेगिरी में अवॉर्ड जीता. 


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सब इंस्पेक्टर अभिनी सुस्मित ने कुछ दिन पहले होने वाली शादीशुदा महिलाओं की ब्यूटी प्रतियोगिता 'मिसेज इंडिया वन इन मिलियन’ में हिस्सा लिया था. अभिनी सुस्मित की शादी सीकर के रहने वाले और CISF देवली में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रवीण महला से हुई थी और उनके दो बच्चे हैं.  


2011 में CISF किया ज्वॉइन
ये अवॉर्ड पाकर अभिनी सुस्मित बहुत खुश है. उन्होंने कहा कि स्कूल टाइम से ही उन्हें एक मॉडल बनना था. अभिनी सुस्मित ने बताया कि 2011 में बीएससी नर्सिंग करने के बाद CISF ज्वॉइन कर लिया. इसी के चलते उनका मॉडल बनने का सपना जिम्मेदारियों के नीच दब गया.  


सुस्मित के सास-ससूर ने कहा- बेटा अपना सपना करो पूरा 



वहीं, उन्होंने बताया कि 2013 में CISF में ही सब इंस्पेक्टर के पद पर काम कर रहे राजस्थान के सीकर के रहने वाले प्रवीण महला से लव मैरिज की. उसके बाद उनके पति औक ससुराल के लोगों ने उन्हें ब्यूटी प्रतियोगिता 'मिसेज इंडिया वन इन मिलियन’ में हिस्सा लेने के लिए कहा. इसके बाद उन्होंने इस प्रतियोगिता की तैयारी शुरू कर दी, जिसके लिए उन्होंने केटवॉक और कॉस्टयूम सिलेक्शन के लिए खूब तैयारी की. 


शादी के 9 साल बाद हुआ बचपन का सपना पूरा 
सब इंस्पेक्टर अभिनी सुस्मित ने बताया कि जब उनको 2001 में पहली मिसेज वर्ल्ड रह चुकी अदिती गोवित्रिकर ने उन्हें ब्यूटी प्रतियोगिता 'मिसेज इंडिया वन इन मिलियन’ का ताज उनके सिर पर पहनाया तो, उनको हकीन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जो सपना मैंने बचपन में देखा था, वो शादी के 9 साल बाद पूरा हुआ है. बता दें कि अभिनी सुस्मित के पिता केरल पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर और मां ट्रांसपोर्ट विभाग केरल के सब इंस्पेक्टर पद पर काम कर चुकी हैं. 


 अभिनी सुस्मित ने कहा- ट्रांसजेंडर को दिलान है उनका हक 
सब इंस्पेक्टर अभिनी सुस्मित ने कहा कि मुझे अपने जीवन में ट्रांसजेंडरों की सामाजिक समानता के लिए काम करना है, इसके लिए वे बचपन से उनकी स्थिति के बारे में पढ़ती आई हैं. उन्होंने कहा कि इस काम के लिए सबसे पहले ट्रांसजेंडर के माता-पिता की सोच में बदलाव करने के लिए उन्हें समझान की जरूरत है. वहीं, इसी के तहत वे स्कूलों में कैंपेन चलाएंगी. उन्होंने कहा कि किसी के हक के लिए लड़ना एक बहुत बड़ी चुनौती भरा काम है.