किरोड़ी लाल मीणा के आरोप के बाद PHED ने दो कंपनियों के 900 करोड़ के कार्यों पर लगाया रोक
सांसद किरोडीलाल मीणा के आरोपों के बीच पीएचईडी ने दो फर्मों के 900 करोड के प्रोजक्ट्स पर रोक लगा दी.गणपति और श्याम ट्यूबवेल फर्म पर फर्जी प्रमाण के आरोपों पर जांच के लिए जलदाय विभाग ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है.इसके अलावा सरकार ने जांच पूरी होने तक फर्मों के पैमेंट पर भी रोक ल
Jaipur News : सांसद किरोडीलाल मीणा के आरोपों के बीच पीएचईडी ने दो फर्मों के 900 करोड के प्रोजक्ट्स पर रोक लगा दी.गणपति और श्याम ट्यूबवेल फर्म पर फर्जी प्रमाण के आरोपों पर जांच के लिए जलदाय विभाग ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है.इसके अलावा सरकार ने जांच पूरी होने तक फर्मों के पैमेंट पर भी रोक लगा दी.
आरोप-प्रत्यारोप के बीच फर्म पर रोक
राजस्थान के जल जीवन मिशन में फर्जीवाडे में आरोप-प्रत्यारोप के बीच फर्मों के 900 करोड के कार्यों पर रोक लगा दी.गणपति और श्याम ट्यूबवेल फर्म पर सांसाद किरोडीलाल मीणा ने फर्जी प्रमाण पत्र का आरोप लगाया था.जिसके बाद अब सरकार ने सख्ती दिखाते हुए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है.विभाग के उपसचिव गोपाल सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में मुख्य अभियंता तकनीकी दलीप कुमार गौड, वित्तीय सलाहकार केसी कुमावत को कमेटी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है.
कमेटी को 7 दिन में विभाग को रिपोर्ट सौपनी है.कमेटी अब जांच करेगी कि दोनों फर्मों ने जो अनुभव प्रमाण पत्र दिया है,वो सही है या गलत.हालांकि जलदाय मंत्री महेश जोशी स्पष्ट कर चुके है कि विभाग के एक्सईएन ने अनुभव प्रमाण पत्र देने वाली कंपनी इरकॉन का फिजिकल वेरीफिकेशन किया था,जिसमें सही पाया गया.जांच के दौरान सरकार ने गणपति और श्याम ट्यूबवेल्स के सभी प्रोजेक्ट्स के साथ साथ पैमेंट पर भी रोक लगा दी है.
ये प्रोजेक्ट्स,जिन पर लगी रोक
जगतपुरा में 81.80 करोड,सवाईमाधोपुर में 16.85 करोड
नीमकाथाना में 23.87 करोड और 23.81 करोड के काम रूके
खो नागोरियान प्रोजेक्ट 53.28 करोड,शाहपुरा में 6.19 करोड
नागौर में 93.15 करोड और 85.77 करोड के प्रोजेक्ट्स रोके
सीकर में 14.65 करोड,अजीतगढ-श्रीमाधोपुर में 21.38 करोड
खंडेला के 23.81 करोड के कार्यों पर पीएचईडी ने रोक लगाई
इरकॉन ने पहले सही माना, फिर गलत
केंद्र सरकार की उपक्रम कंपनी इरकॉन के सीईओ ने 7 अप्रैल को 84 करोड के कार्यों का अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था.इरॅकान कंपनी के केरल दफ्तर में पीएचईडी के एक्सईएन विशाल सक्सेना ने विजिट किया था.जिसमें उन्होंने प्रमाण पत्र सही पाया गया,लेकिन इसके ठीक 2 महीने बाद 7 जून को कंपनी के सीवीओ ने एसीएस सुबोध अग्रवाल ने चिट्टी लिखा कि गणपति ट्यूबवेल फर्म का अनुभव प्रमाण पत्र गलत है.ऐसे में अब कमेटी इन तथ्यों की जांच करेगी कि कौनसी रिपोर्ट सही है और कौनसी गलत?
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