केंद्र के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी PFI पर कार्रवाई के दिए आदेश, इनकी सहमति के बाद आया ये फरमान
केंद्र सरकार के बैन लगाने के बाद राजस्थान सरकार ने भी पीएफआई पर कार्रवाई के अधिकार दे दिए हैं, डीजी एसओजी एटीएस, पुलिस कमिश्नर, एसपी-कलेक्टर को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है. गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.
Right to act on PFI in Rajasthan/ Jaipur: गौरतलब है कि आक्रामक प्रतिक्रिया और प्रदर्शन के लिए कुख्यात संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने बुधवार को बैन लगाया है, गृहमंत्रालय न अनलॉफुल एक्टिविटी एक्ट 1967 के तहत प्रतिबंध लगाया है. इसके बाद राज्य में पीएफआई पर कार्रवाई के अधिकार देने के लिए फाइल मंजूरी के लिए गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव के पास भिजवाई. गृह राज्यमंत्री की सहमति के बाद बुधवार देर रात गृह विभाग से आदेश जारी किए गए.
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इसके तहत दिए गए अधिकार
विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 967 की धारा 42 के तहत राज्य के अफसरों को कार्रवाई की शक्तियां दी गई है. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने बैन लगा दिया, लेकिन राज्य में कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है. भारत सरकार ने राजपत्र में 28 सितंबर, 2022 को अधिसूचना जारी की.
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इन संगठनों पर की जाएगी कार्रवाई
केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में पॉपलुर फंट ऑफ इण्डिया (पीएफआई) और इसके सहयोगी संगठनों या सम्बन्द्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों, रिहैब इंण्डिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंण्डिया (सीएफआई), ऑल इण्डिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ हयूमन राइट्स आर्गनाईजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर कर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल सहित को विधि-विरुद्ध संगम घोषित किया है.
इन्हें किया गया कार्रवाई के लिए अधिकृत
अनलॉफुल एक्टिविटी एक्ट 1967 की धारा 7 व 8 के तहत का प्रयोग करने के लिए महानिदेशक पुलिस, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (एटीएस एवं एसओजी), पुलिस आयुक्त, जयपुर, जोधपुर, महानिरीक्षक पुलिस रैन्ज एवं राज्य के समस्त जिला मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया गया.
राज्य में सक्रिय रहा है PFI
राजस्थान के कई जिलों में पीएफआई की गतिविधियां चल रही हैं, पिछले कुछ सालों में पीएफआई सदस्यों और पदाधिकारियों पर अनलॉफुल एक्टिविटी एक्ट 1967 के तहत कार्रवाई कर मुकदमें दर्ज किए गए थे. इन मामलों में कार्रवाई चल रही है, वहीं कुछ मामले कोर्ट में विचाराधीन है.