Jaipur: प्रदेश की वल्लभनगर (Vallabhnagar) और धरियावद (Dhariyawad) विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज करनेके बाद जहां गहलोत सरकार को मजबूती मिली है तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को भी कांग्रेस आलाकमान ने अब मंत्रिमंडल बदलाव और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर फ्री हैंड दे दिया है. अब प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल होगा या विस्तार इसका फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ही छोड़ा गया है.


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ऐसे में अब बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल फेरबदल की बजाए विस्तार पर ही मुख्यमंत्री का ज्यादा फोकस रहने वाला है. खबर ये भी है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 7 या 8 नवंबर को एक बार फिर से दिल्ली जा सकते हैं. दिल्ली में राजस्थान के मसलों को लेकर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से उनकी मुलाकात की चर्चाएं हैं. उपचुनाव से पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें चल रही थीं, जिसमें कमजोर परफॉर्मेंस वाले कई मंत्रियों की छुट्टी होना तय मानी जा रही थी लेकिन अब विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद बदली हुई रणनीति के तहत बड़ा बदलाव मंत्रिमंडल में देखने को नहीं मिलेगा.


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सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) अब दोनों पदों पर रह सकते हैं. डोटासरा शिक्षा विभाग के साथ-साथ संगठन के मुखिया की भूमिका भी बेहतर ढंग से निभा रहे हैं. उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पंचायत चुनावों, निकाय चुनावों के साथ-साथ विधानसभा उपचुनाव में से 4 में जीत दर्ज की है. उपचुनाव की दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) और खेल मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) को जहां मंत्रिमंडल विस्तार में प्रमोशन और बड़े विभागों की जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौड़ (Dharmendra Rathore) को भी राजनीतिक नियुक्तियों में अहम भूमिका मिलने की चर्चा है.