Jaipur: बजरी के अवैध कारोबार से जूझ रहे प्रदेशवासियों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है. राज्य सरकार ने आम नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए जालौर जिले में दो एवं भीलवाड़ा जिले में एक बजरी खनन पट्टे जारी किए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) द्वारा बजरी की समस्या से राहत दिलाने के लिए निरंतर समाधान खोजने के निर्देश दिए जाते रहे हैं, इसके परिणामस्वरूप लंबे समय से चली आ रही बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त हो गई है. इसी कड़ी में पिछले दिनों राज्य में बजरी की वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में एमसेंड पॉलिसी भी जारी की गई है.


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10 प्रतिशत बजरी की मांग हो सकेगी पूरी
मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयासों का ही परिणाम है कि बजरी खनन के इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजारी मांग की करीब 10 प्रतिशत मांग पूरी हो सकेगी. बजरी खनन के तीन पट्टों में से दो पट्टे जालौर के सायला एवं जालौर और तीसरा भीलवाड़ा के कोटडी में जारी किया गया है. 


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वन पर्यावरण मंत्रालय की मिली NOC
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि तीनों पट्टाधारकों द्वारा वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से नवीन पर्यावरण सहमति प्राप्त कर विभाग को प्रस्तुत करने के बाद यह खनन पट्टे जारी किए गए हैं. बजरी खनन के तीन पट्टों के पट्टाधारियों ने केंद्र को प्रस्तुत वैज्ञानिक रिप्लेसमेंट स्टडी के आधार पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त कर सरकार को प्रस्तुत करने पर बजरी के खनन पट्टे जारी किए गए हैं.


इन्हें जारी किए गए हैं बजरी खनन पट्टे
माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी तीन बजरी खनन पट्टों में से जालौर के सायला में रणवीर सिंह राठौड़ 3797.58 हैक्टेयर क्षेत्रफल, जालौर में सत्यनारायण सिंह जादौन को 5269 हैक्टेयर क्षेञफल और भीलवाड़़ा के कोटडी में महेंद्र सिंह राजावत को 1191.37 हैक्टेयर क्षेत्रफल के पट्टे जारी किए गए हैं.


सायला में 0.77 मिलियन टन, जालौर में 3.20 मिलियन टन और कोटडी भीलवाड़ा में 3.39 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता होगी. उन्होंने बताया कि इससे राज्य सरकार को 43 करोड़ रुपए का प्रतिवर्ष राजस्व प्राप्त होगा.


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13 माह के लिए जारी किए गए हैं पट्टे
एसीएस डा. अग्रवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में 70 मिलियन टन बजरी की मांग है. उन्होंने बताया कि यह तीन पट्टे जारी होने से कुल मांग की 10 फीसदी से अधिक पूर्ति हो सकेगी. तीनों पट्टे तत्समय जारी अवधि में से शेष रही अवधि करीब 13 माह के लिए जारी किए गए हैं. खनन पट्टे में पूर्व में स्वीकृत आदेश दिनांक 22 मई 2017 की शर्तें यथावत रहेगी और राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में समय-समय पर होने वाले संशोधन मान्य होंगे. लीज जारी करते समय यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पट्टाधारियों द्वारा पूरक संविदा का निष्पादन किया जाएगा और केन्द्र सरकार द्वारा जारी ईसी की शर्तों का पालन सुनिश्चित की जाएगी.